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बंग समुदाय आज मनाएगा काजी नजरूल इस्लाम की जयंती

रवींद्र साहित्य और संगीत जितना ही लोकप्रिय है बंग समुदाय में नजरूल साहित्य व नजरूल गीति। विद्रोही कवि के रूप में विख्यात काजी नजरूल इस्लाम का जन्म चिरुलिया में 25 मई 1899 को हुआ था है। बंग समुदाय...

बंग समुदाय आज मनाएगा काजी नजरूल इस्लाम की जयंती
हिन्दुस्तान टीम,रांचीSat, 26 May 2018 02:00 AM
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रवींद्र साहित्य और संगीत जितना ही लोकप्रिय है बंग समुदाय में नजरूल साहित्य व नजरूल गीति। विद्रोही कवि के रूप में विख्यात काजी नजरूल इस्लाम का जन्म चिरुलिया में 25 मई 1899 को हुआ था। बंग समुदाय उनकी जयंती ग्याहर ज्येष्ठ के रूप में मनाता है। इस बार यह तिथि 26 मई को पड़ रही है। काजी नजरूल इस्लाम ने बांग्ला में लगभग 4000 गीत लिखे। साथ ही गुरुदेव रवींदनाथ ठाकुर की तरह, उन्हें संगीतबद्ध भी किया। इन्हें नजरूल गीति कहा जाता है। उनके लेखन में काफी विविधता देखने को मिलती है। एक तरफ उन्होंने श्यामा संगीत, गणपति गीत लिखे। वहीं, बांग्ला गजलें और बांग्ला में साम्यवादी राज का गीत लिखनेवाले भी वह पहले कवि थे।

गजल के मिजाज को बांग्ला में उभारा

नजरूल ने 15 काव्य संकलन, 13 नाटक, तीन उपन्यास और 14 नृत्य नाटिकाएं भी लिखीं। उनकी पहचान विद्रोही कवि के रूप में थी, लेकिन उन्होंने प्रेम कविताएं भी खूब लिखीं। साम्यवादी विचारधारा से प्रभावित होकर उन्होंने साम्यवादी राज पर कविता लिखी। जागो अनशन बंदी उठो रे..., ऐसी ही कविता थी। उन्हें बांग्ला गजलों का प्रर्वतक कहा जाता है। उनकी बांग्ला गजलों में- मोसाफिर मोछ रे आंखे जॉल, फिरे चॉल अपनारे निया... और एतो जॉल ओ काजोल चोखे पाषानि आनलो बोल के...की लोकप्रियता आज भी बरकरार है।

रांची भी आए थे

यूनियन क्लब के लाइफ मेंबर डॉ गोपाल चंद्र लाला के मुताबिक कवि नजरूल का रांची भी आना हुआ था। काफी बीमार हालत में वह लगभग दो साल यहां रहे थे। उन्हें कांके रोड में डॉ डेविस के मानसिक चिकित्सा केंद्र में रखा गया था। यूनियन क्लब की ओर से स्वतंत्रता सेनानी डॉ यदुगोपाल मुखोपाध्याय और रांची विश्वविद्यालय के बांग्ला विभाग के प्रथम विभागाध्यक्ष डॉ सरोज बसु उनसे मिलने गए थे।

यूनियन क्लब में आज नजरूल संध्या

यूनियन क्लब एंड लाईब्रेरी की ओर से शनिवार को नजरूल संध्या का आयोजन किया गया है। इसमें क्लब के सदस्य व स्थानीय कलाकार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। देवाशीषा विश्वास, सुष्मिता बनर्जी, अनिमा घोष, डॉ पंपा सेन विश्वास, अजाना मित्रा, गौरी श्रीवास्तव और अदिति मित्रा गीत प्रस्तुत करेंगे। कविता पाठ करेंगे- रथिन चटर्जी, मोहर चक्रवर्ती और शुक्ला आइकत। तबले- सुब्रतो राय मल्लिक और सिंथेसाइजर पर सौरभ देव संगत करेंगे। कार्यक्रम शाम सात बजे शुरू होगा।

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