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पीएम की बातों पर श्रोताओं ने भी बजाई जमकर ताली

प्रभात तारा मैदान में प्रधानमंत्री मोदी के सभास्थल पर काले कपड़े पहने लोगों की खास तौर पर निगरानी होती रही। शर्ट और पैंट की कौन कहे काला मोजा पहने और जेब में काली रूमाल रखे लोगों को भी सभास्थल से...

पीएम की बातों पर श्रोताओं ने भी बजाई जमकर ताली
हिन्दुस्तान ब्यूरो,रांचीSun, 23 Sep 2018 11:14 PM
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प्रभात तारा मैदान में प्रधानमंत्री मोदी के सभास्थल पर काले कपड़े पहने लोगों की खास तौर पर निगरानी होती रही। शर्ट और पैंट की कौन कहे काला मोजा पहने और जेब में काली रूमाल रखे लोगों को भी सभास्थल से बाहर कर दिया गया। मोदी के जयकारे के साथ हुजूम में घुसने वाली भीड़ की जांच नहीं होने की स्थिति से निबटने के लिए सुरक्षाकर्मी सभा के अंदर घुसकर जांच करते रहे। प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के दौरान भी कुर्सी पर बैठे कई लोगों का जूता उतरवाकर देखा गया। काला मोजा पाते ही उन्हें सभास्थल से बाहर कर दिया गया। एहतियात के तौर पर काले दुपट्टे में आई महिलाओं को भी अंदर नहीं घुसने दिया गया। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री ने जब भी श्रोताओं की ओर इशारा करके कोई बात कही, लोगों ने जमकर ताली बजाई। 
सुरक्षा बलों की चौकसी के समानांतर भाजपा कार्यकर्ता भी विपक्षी दलों के संभावित विरोध को लेकर काफी सतर्क थे। लाल और हरे अंगोछे वालों पर भी नजर थी। हालांकि, उन्हें रोका नहीं गया, लेकिन पार्टी कार्यकर्ता उनके पास जाकर इतना जरूर पूछते थे कि वे लोग कहां से आए हैं और किसके साथ आए हैं। संतुष्ट होने पर उनसे इतना आग्रह किया जाता रहा कि भाषण के बीच में ताली बजाते रहिएगा। भाजपा का बैज लगाकर आए लोग सुरक्षाकर्मी से लेकर अंदर व्यवस्था में लगे अधिकारियों तक से अधिकार के साथ बात करते दिखे। उनमें से अधिकतर सरकारी कार्यक्रम होने से अनभिज्ञ थे। वे इसे अपना या अपनी पार्टी का कार्यक्रम बताते रहे। 
काला गुब्बारा उड़ाने की उड़ती रही अफवाह
पुलिसकर्मियों और भाजपाइयों की सतर्कता का एक बड़ा कारण यह भी था कि वहां विपक्षी दलों या आदिवासी संगठनों के कार्यकर्ताओं द्वारा काला गुब्बारा उड़़ाने की अफवाह उड़ रही थी। इस कारण सभा के बीच में जाकर पुलिसकर्मी कतारों के बीच तहकीकात कर रहे थे। इस कारण कई बार श्रोताओं से पुलिसकर्मियों की नोंक-झोंक भी हुई।
पीएम नहीं दिखे तो लगाए मोदी-मोदी के नारे 
पंडाल के अंदर भी मोदी के भाषण को बड़े-बड़े स्क्रीन पर लाइव दिखाने की व्यवस्था थी। एक स्क्रीन थोड़ी देर के लिए ब्लैक हुआ तो पीछे बैठी महिलाएं मोदी-मोदी चिल्लाने लगीं। उन्हें समझाने के लिए पहुंचे सुरक्षाकर्मियों और कर्मचारियों को भी पीछे लौटना पड़ा। हालांकि, कुछ ही मिनट में स्क्रीन ठीक हो गया। गर्मी के मारे भी श्रोता बेहाल थे। कई तो अपने रूमाल से खुद को राहत देते दिखे। इस कारण मोदी के भाषण के दौरान भी बड़ी तादाद पंडाल से बाहर जाती दिखी। 
जब भी जनता की ओर इशारा किया बजी ताली
प्रधानमंत्री ने जब भी जनता से मुखातिब होकर संवाद कायम करने के अंदाज में कोई बात कही तो ताली बजी। पीएम ने आयुष्मान भारत योजना को छह माह में होने वाला अजूबा बताया तो तालियों की गड़गड़ाहट गूंजी। उन्होंने 50 करोड़ गरीबों के आशीर्वाद से अपनी टीम के और मजबूत होने की बात बताई तो लोगों ने तालियों से उनकी वाहवाही दी। जब पीएम ने मजाक में कहा कि वे चाहते है कि इतनी बड़ी योजना का लाभ लेने की किसी गरीब को जरूरत नहीं पड़े और अस्पताल खाली रहें तो लोगों ने फिर तालियां बजाकर पीएम को शाबासी दी। 

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