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राख बुधवार की शुरुआत: राख लगा प्रभु की ओर लौटने का लिया संकल्प

मसीही विश्वासियों का 40 दिनों का महाउपवास काल(लेंट) राख बुधवार से शुरू हुआ। इस अवसर पर राजधानी के विभिन्न चर्चों में अहले सुबह प्रार्थना हुई। पुरोहितों ने विश्वासियों को उपवास काल के दौरान आध्यात्मिक...

राख बुधवार की शुरुआत: राख लगा प्रभु की ओर लौटने का लिया संकल्प
हिन्दुस्तान टीम,रांचीThu, 15 Feb 2018 02:39 AM
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मसीही विश्वासियों का 40 दिनों का महाउपवास काल (लेंट) राख बुधवार से शुरू हुआ। इस अवसर पर राजधानी के विभिन्न चर्चों में अहले सुबह प्रार्थना हुई। पुरोहितों ने विश्वासियों को उपवास काल के दौरान आध्यात्मिक जीवन की ओर लौटने, गलतियों के लिए क्षमा मांगने और विलासिता के जीवन का त्याग करने का संकल्प दिलाया। साथ ही बीते साल के पाम संडे में जमा किए गए खजूर के पत्तों से बनी राख से कपाल में क्रॉस का चिह्न बनाकर आशीष दिया। इस दौरान पुरोहितों ने विशेष सुसमाचार को दोहराया। कहा कि ‘तुम मिट्टी से बने हो, मिट्टी में मिल जाओगे। पश्चाताप करो और सुसमाचार में विश्वास करो।

बिशप विंसेंट ने कराया पुरोहिताभिषेक : सिमडेगा के बिशप विंसेंट बरवा ने फादर पंकज लकड़ा का पुरोहिताभिषेक कराया। पुरोहिताभिषेक का कार्यक्रम डींगुरपानी स्थित रोमन कैथोलिक चर्च में किया गया। फादर पंकज ने अपने पुरोहिताभिषेक के बाद अपने पैतृक गांव बाघडेगा में अपना धन्यवादी मिस्सा की अगुवाई की। इस अवसर पर पल्ली पुरोहित, विभिन्न धर्मसमाज के भाई-बहन मौजूद थे।

जीवन की नई शुरुआत का समय है लेंट...

पुरुलिया रोड स्थित आर्च बिशप हाउस के चैपल में कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो की अगुवाई में आराधना हुई। उन्होंने चालीसाकाल पर अपना सुसमाचार सुनाया। कहा- यह हमारे जीवन की एक नई शुरुआत है। हमें पिता परमेश्वर को धन्यवाद देना चाहिए, ताकि हम सभी पुरोहित लोगों की भलाई कर सकें और प्रभु के प्रेम में बढ़ते जाएं। साथ ही विश्वासियों के लिए प्रार्थना करें, ताकि वह अपनी कमजोरियों को पहचान सकें और उनसे छुटकारा पा सकें। इस अवसर पर फादर अलबर्ट, फादर विपिन कंडुलना उपस्थित थे।

पश्चाताप करने से क्षमा मिलती है : बिशप बास्के

बहुबाजार स्थित सेंट पॉल्स कैथेड्रल में सुबह 6.30 बजे बिशप बीबी बास्के की अगुवाई में राख बुधवार की आराधना हुई। बिशप बास्के ने कहा कि लेंट का 40 दिन पश्चाताप दिवस के रूप में मनाते हैं। ताकि हम मनुष्य अपनी गलती के लिए परमेश्वर से क्षमा मांग सकें। साथ ही परमेश्वर के साथ खुद के संबंध को मजबूत कर सकें। परमेश्वर के साथ संबंध मजबूत करने के लिए ईश्वर से प्रेम और विश्वास करने की जरूरत है। महाउपवासकाल का समय जीवन की गलतियों के लिए ईश्वर से क्षमा मांगने से क्षमा दान की प्राप्ति होती है।

शुद्धता का प्रतीक है राख : बिशप जॉनसन

मेन रोड स्थित जीईएल चर्च में भी सुबह 6.30 बजे रेव्ह सीमांत तिर्की और बेंजामिन टोपनो की अगुवाई में आराधना हुई। वहीं शाम 5.30 बजे बिशप जॉनसन लकड़ा ने विश्वासियों को महाउपवास का सुसमाचार दिया। कहा कि उपवास का संबंध राख से घनिष्ठ है। पुराने नियम में उपवास के दौरान राख के ढेर पर बैठकर पश्चाताप किया जाता था। राख शुद्धता और पश्चाताप का प्रतीक है। यह समय प्रार्थनामय जीवन जीते हुए खुद का आकलन कर ईश्वर के पास लौटने, टूटे हुए रिश्तों को जोड़ने, क्षमा दान करने, पुण्य कमाने का अवसर है।

खुद को बदलने का समय: फादर टोप्पो

राख बुधवार के मौके पर पुरुलिया रोड स्थित सेंट मेरी चर्च में फादर थियोडोर टोप्पो ने कहा कि महाउपवास काल का समय पास्का रहस्य को समझने का अवसर है। पास्का रहस्य का अर्थ प्रभु यीशु के दुखभोग, क्रूस त्याग और पुनरुत्थान की सच्चाई को अपनाने का समय है। ऐसे में विश्वासियों को आत्मिक रूप से मजबूत होकर उपवास और विलासिता के जीवन से परहेज करना है। ऐसे में विलासिता में खर्च होने वाली राशि को जमा कर जरूरतमंद का सहयोग करना होगा। साथ ही दैनिक जीवन की बुरी आदतों को त्याग कर खुद को परिवर्तित करने का समय है। फादर थियोडोर ने कहा कि 14 से 60 वर्ष के लोग निश्चित रूप से उपवास करे। इस दौरान धार्मिकता, आस्था में रहकर जीवन को सही मार्ग में लाने की प्रार्थना करे।

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