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पत्थलगड़ी पर लिखी जा रही हैं धर्म-जाति विरोधी टिप्पणियां

विवादित पत्थलगड़ी करानेवाली ताकतें पत्थर पर अब धर्म और जातिगत टिप्पणियां लिख रहीं हैं। भारत में गैर आदिवासी, दिकू, ब्राह्मण , हिंदू और केंद्र सरकार को विदेशी कहकर उनका लीज एग्रीमेंट खत्म होने की बात...

विवादित पत्थलगड़ी करानेवाली ताकतें पत्थर पर अब धर्म और जातिगत टिप्पणियां लिख रहीं हैं। भारत में गैर आदिवासी, दिकू, ब्राह्मण , हिंदू और केंद्र सरकार को विदेशी कहकर उनका लीज एग्रीमेंट खत्म होने की बात...
1/ 2विवादित पत्थलगड़ी करानेवाली ताकतें पत्थर पर अब धर्म और जातिगत टिप्पणियां लिख रहीं हैं। भारत में गैर आदिवासी, दिकू, ब्राह्मण , हिंदू और केंद्र सरकार को विदेशी कहकर उनका लीज एग्रीमेंट खत्म होने की बात...
विवादित पत्थलगड़ी करानेवाली ताकतें पत्थर पर अब धर्म और जातिगत टिप्पणियां लिख रहीं हैं। भारत में गैर आदिवासी, दिकू, ब्राह्मण , हिंदू और केंद्र सरकार को विदेशी कहकर उनका लीज एग्रीमेंट खत्म होने की बात...
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हिन्दुस्तान टीम,रांचीThu, 14 Jun 2018 12:26 PM
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विवादित पत्थलगड़ी करानेवाली ताकतें पत्थर पर अब धर्म और जातिगत टिप्पणियां लिख रहीं हैं। भारत में गैर आदिवासी, दिकू, ब्राह्मण , हिंदू और केंद्र सरकार को विदेशी कहकर उनका लीज एग्रीमेंट खत्म होने की बात पत्थरों पर लिखी जा रही। खूंटी में 12 जून को जो पत्थलगड़ी हुई वहां पत्थरों पर लिखा गया था कि गैर आदिवासियों, ब्राह्मणों का देश चलाने और रहने की लीज 1969 में ही खत्म हो गई। अब इन्हें भारत में रहने का अधिकार नहीं है। कथित तौर पर लैंड रिवेन्यू रूल गुजरात 1921, गांधी इरविन पैक्ट 1931, भारत शासन अधिनियम 1935 का हवाला दिया जा रहा।

आधार, वोटर आईडी आदिवासी विरोधी दस्तावेज

पत्थलगड़ी में लिखा गया है कि वोटर कार्ड और आधार कार्ड जिसे आम आदमी का अधिकार कहा जाता है, वह आदिवासी विरोधी दस्तावेज है। पत्थरों पर संदेश में लिखा गया है कि आदिवासी लोग भारत देश के मालिक हैं, आम आदमी या नागरिक नहीं। पत्थरों पर लिखे संदेश में मतदान को गलत ठहराया गया है। इससे यह भी आशंका प्रबल हो गई है कि पत्थलगड़ीवाले गांवों में चुनाव का बहिष्कार किया जा सकता है। पत्थरों पर लिखा गया है कि भारत में जनादेश (वोट मतदान) नहीं बंधारण (संविधान ग्रामसभा) ही सर्वोपरि है। भारत सरकार आदिवासी लोग हैं। केंद्र और राज्य सरकार आदिवासियों के ओआईजीएस भारत सरकार के सेवार्थ काम करनेवाले नौकर, कुली, जुड़ी हैं।

विवादित पत्थलगड़ी की शुरुआत में क्या होता था अंकित

साल 2017 से अबतक खूंटी के 70 से अधिक गांवों में पत्थलगड़ी हो चुकी है, पूर्व की पत्थलगड़ी में पत्थरों पर पांचवी अनुसूची से जुड़ी जानकारी, पेसा कानून और बाहरी तत्वों के गांव में प्रवेश पर रोक की बात लिखी जाती थी। लेकिन खूंटी में जोसेफ पूर्ति के नेतृत्व में अब हो रही पत्थलगड़ी में अधिक विवादित चीजें लिखी जा रहीं। 12 जून को खूंटी के हेंम्बरोम की रूढ़ि प्रथा प्राकृतिक ग्रामसभा द्वारा जो पत्थलगड़ी कराई गई, उसमें अलग चीजें लिखी मिली है।

अब आगे कहां होनी है पत्थलगड़ी

17 जून- अड़की थाना क्षेत्र की डुंडीपिरी

26 जून- खूंटी थाना क्षेत्र के घघरा, कुदाडीह

एक जुलाई- मुरहू थाना क्षेत्र के सेरागुट्टू, सपरूम

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