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रूसा को हटाकर विश्वविद्यालयों को स्वायत्तता दी जाए

राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) क्लस्टर विश्वविद्यालय की योजना से दिग्भ्रमित है। आर्थिक संसाधनों का आवंटन रूसा के तहत होने के कारण विश्वविद्यालयों के कुपतियों को सचिवालय का चक्कर काटना पड़ता है,...

रूसा को हटाकर विश्वविद्यालयों को स्वायत्तता दी जाए
हिन्दुस्तान टीम,रांचीSun, 03 Dec 2017 08:57 PM
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राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) क्लस्टर विश्वविद्यालय की योजना से दिग्भ्रमित है। आर्थिक संसाधनों का आवंटन रूसा के तहत होने के कारण विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को सचिवालय का चक्कर काटना पड़ता है, इससे उनकी गरिमा पर चोट हुई। रूसा ने विश्वविद्यालयों स्वायत्तता की खत्म करने का काम किया है। यह कहना है अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष डॉ एस सुबैया और राष्ट्रीय महामंत्री डॉ एस सुबैया का। चार दिवसीय अधिवेशन की समाप्ति पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि रूसा पूरी तरह रहा है। ऐसे में रूसा को हटाकर विश्वविद्यालयों को स्वायत्तता दी जानी चाहिए। साथ ही, यूजीसी फिर से प्रमुखता देने की जरूरत है।

राष्ट्रीय महामंत्री आशीष चौहान ने कहा कि रूसा उस अधिनियम पर चोट है, जिसमें राज्य उच्च शिक्षा आयोग के माध्यम से आर्थिक आवंटन किया जाना है। इससे कुलपति पद की गरिमा को ठेस पहुंची है। उन्हें संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी फरमान जारी करते हैं, यह दुखद स्थिति है। उन्होंने इस संबंध में एबीवीपी ने कस्तूरीरंगन से बात की है। आगामी गतिविधियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस वर्ष 11 नवंबर को केरल में वामपंथी हिंसा के खिलाफ हुई रैली शुरुआत है। अब देश में कोई भी राष्ट्रविरोधी गतिविधि होगी तो हर कैंपस, विश्वविद्यालय और संस्थान में अभियान चलेगा। उन्होंने वामपंथी हिंसा को बेनकाब करने की बात कही।

राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ एस सुबैया ने कहा कि पिछले 70 वर्षों में जो व्यवस्था रही, उसमें शोध के क्षेत्र में ज्यादा काम नहीं हुआ। इसरो, परमाणु ऊर्जा और कृषि के क्षेत्र को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में शोध की स्थिति नगण्य है। उन्होंने कहा कि शोध में शोधकर्ता और इंडस्ट्री का सही समावेश बेहतर परिणाम दे सकता है। 63वें राष्ट्रीय की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें 36 प्रांत के 1213 प्रतिनिधि शामिल हुए, जिसमें छात्र- 997, छात्राएं- 133, शिक्षक- 79 और अन्य- 4 थे। इसके अलावा 13 प्रतिभागी नेपाल से थे।

64वां राष्ट्रीय अधिवेशन अहमदाबाद में

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 64वां अधिवेशन गुजरात के अहमदाबाद में होना तय हुआ है। अभी इसकी तिथि तय होना बाकी है। संभावित तिथि अगले वर्ष नवंबर या दिसंबर माह में हो सकती है।

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