आंगनबाड़ीकर्मियों की भीड़ से बिरसा चौक जाम
आंगनबाड़ी कर्मियों की हुजूम से शुक्रवार को बिरसा चौक जाम रहा। तीन दिनों से जारी इस धरना से बिरसा चौक का मुख्य मार्ग शाम तक बाधित रहा। तीसरे दिन राज्य के विभिन्न जिलों से सैकड़ों की संख्या में...
आंगनबाड़ी कर्मियों के हुजूम से शुक्रवार को बिरसा चौक जाम रहा। तीन दिनों से जारी इस धरना से बिरसा चौक का मुख्य मार्ग शाम तक बाधित रहा। तीसरे दिन राज्य के विभिन्न जिलों से सैकड़ों की संख्या में आंदोलनकारी महिलाकर्मियों के आने के बाद विधानसभा की ओर जानेवाले एक गेट को बंद कर दिया गया।
भीड़ के कारण सुरक्षा घेरा टूट गया और यह गेट तक पहुंच गई। भीड़ से जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। जाम के कारण सड़कों से गुजरनेवाले लोगों को खासी परेशानी हुई। दूसरे गेट से वाहनों की आवाजाही के कारण कई बार सड़क अवरूद्ध हो गई। जाम का असर हिनू और डोरंडा क्षेत्र पर भी पड़ा। इससे महिला, बुजूर्गों और स्कूली बच्चों को काफी परेशानी हुई।
रेलवे ट्रेकों से पार हुए दोपहिए वाहन : सड़क पर भारी जाम के कारण कई लोगों ने शार्टकट रास्ता अपनाया। उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक को पार कर धुर्वा क्षेत्र से आवाजाही की। कई दोपहिए वाहन चालकों ने कटहरकोचा स्थित रेलवे ट्रैक से दोपहिए वाहनों को पार कराया। इससे प्रभावित लोगों को रेलवे ट्रैक पार कर धुर्वा क्षेत्र से आवाजाही करनी पड़ी। इस ट्रैक पर रांची-हटिया स्टेशन से ट्रेनें आवाजाही करती हैं।
दिन भर शोरगुल में डूबा रहा चौक: महिला आंदोलनकर्मी दिन भर अपनी मांगों के समर्थन में राज्य सरकार को कोसती रही। उन्होंने सरकार को चेताया कि उनका आंदोलन मांगें पूरी होने तक चलता रहेगा। सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है। दूसरे राज्यों में आंगनबाड़ी कर्मियों के मानदेय वृद्धि की गई है। लेकिन यहां की सरकार मांगों की उपेक्षा कर रही है।
स्कूली बसें फसी
दोपहर में स्कूल बसों की आवाजाही ठप हो गई। इससे स्कूली बच्चे काफी परेशानी हुई। बिरसा चौक पर भीड़ और वाहनों की अधिक संख्या होने के कारण स्कूली बसों के आवाजाही की दिशा बदल दी गई। तुपुदाना के स्कूलों से आनेवाली बसों को धुर्वा नहीं जाने दिया गया।