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रिम्स की पार्किंग में 12 दिन में बना 528 बेड का अस्थायी कोविड अस्पताल

-मुख्यमंत्री ने रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में 528 बेड वाले अस्थायी कोविड...

रिम्स की पार्किंग में 12 दिन में बना 528 बेड का अस्थायी कोविड अस्पताल
हिन्दुस्तान टीम,रांचीFri, 07 May 2021 03:01 AM
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रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो

राज्य के अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों को बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और अन्य चिकित्सीय संसाधनों की कमी नहीं हो, इसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। कोरोना की दूसरी लहर में जैसे-जैसे चुनौतियां सामने आ रही हैं, व्यवस्था और सुविधाओं को दुरुस्त किया जा रहा है। ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में 528 बेडों की क्षमता वाले अस्थायी कोविड अस्पताल का ऑनलाइन उद्घाटन करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमित संसाधनों के बीच विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बेड और वेंटिलेटर समेत अन्य चिकित्सीय संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं। इस कड़ी में रिम्स में मात्र 12 दिनों में 528 बेड का अस्थायी कोविड अस्पताल शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर प्रबंधन और राज्यवासियों के सहयोग से कोरोना के खिलाफ चल रही जंग हम जीतेंगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय से मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का और सचिव विनय कुमार चौबे, रिम्स से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, विधायक समरी लाल और विकास आय़ुक्त -सह -स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह के अलावा सांसद संजय सेठ और रिम्स के निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ऑनलाइन मौजूद थे।

प्रयास से हो रहा परिवर्तन

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके आवास के चारों ओर सड़क हैं। कोरोना की दूसरी लहर के प्रारंभ में उन्हें हर वक्त दौड़ती एंबुलेंस के सायरन सुनाई देते थे। अब इसमें काफी कमी आई है। उन्होंने कहा कि संक्रमण से लड़ने के लिए हर दिन नई व्यवस्था खड़ी की जा रही है। प्रयास से परिवर्तन दिख रहा है। सदर अस्पताल की अफरा-तफरी समाप्त करने की दिशा में प्रयास कारगर दिख रहा है।

12 दिनों में अस्पताल बनाना चुनौती

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान हालात में रिम्स में समुचित चिकित्सीय संसाधनों के साथ अस्थायी कोविड अस्पताल बनाना किसी चुनौती से कम नहीं था। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग और रिम्स के तमाम पदाधिकारियों और कर्मियों के सहयोग से मात्र 12 दिनों में ही यह अस्पताल बनकर तैयार हो गया। यहां संक्रमितों के इलाज के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। अस्पताल में 24x7 चिकित्सक, नर्स, वार्ड ब्वॉय उपलब्ध रहेंगे। यहां मरीजों की सहूलियत के लिए हेल्प डेस्क भी कार्य कर रहा है।

राज्य के मेडिकल कॉलेजों पर मरीजों का दबाव अधिक

मुख्यमंत्री ने कहा कि रांची, धनबाद और जमशेदपुर में स्थित मेडिकल कॉलेजों में मरींजों का सबसे ज्यादा दबाव है। यहां इलाज के लिए सबसे ज्यादा संक्रमित पहुंच रहे हैं। ऐसे मे इन मेडिकल कॉलेजों के लिए सरकार उनकी जरूरतों के हिसाब से कार्य योजना लगातार बना रही है। इन्हें ज्यादा से ज्यादा संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

ऑक्सीजन युक्त बेड और वेंटिलेटरों की लगातार बढ़ाई जा रही संख्या

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमितों को सबसे ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। इसी के मद्देनजर अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बेड और वेंटिलेटरों की संख्या में बढ़ोतरी करने का काम लगातार जारी है। रांची में रिम्स और सदर के अलावा नगर निगम के अस्पताल और डोरंडा स्थित रिसालदार बाबा अस्पताल में ऑक्सीजन युक्त बेड लगाए गए हैं, वहीं कोडरमा में डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में 220 नए बेड और सदर अस्पताल में 20 अतिरिक्त ऑक्सीजन पाइप लाइन युक्त बेडों की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा जैसे-जैसे जरूरतें बढ़ेंगी, बेड भी बढ़ाए जाएंगे।

मरीजों को होगी सहूलियत

रिम्स परिसर में बनाए गए अस्थायी कोविड अस्पताल से मरीजों को बेड मिलने में काफी सहूलियत हो जाएगी। ज्ञात हो कि रिम्स के मल्टीस्टोरी पार्किंग में 327 ऑक्सीजन युक्त बेड, ओंकोलॉजी डिपार्टमेंट में 73 आईसीयू बेड और रिम्स की पुरानी बिल्डिंग में 128 ऑक्सीजन युक्त बेड की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा एनटीपीसी के सहयोग से 108 और बेड लगाए जा रहे हैं। इस तरह रिम्स में कोविड-19 को लेकर ऑक्सीजन युक्त बेड की संख्या बढ़कर लगभग 800 और वेंटिलेटर भी लगभग 250 हो गए हैं।

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