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नापंचमी: नाग देवता के दर्शन कर धन्य हुए श्रद्धालु

सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर शिवभक्तों ने नाग देवता की पूजा की। नागपंचमी के मौके पर बुधवार को श्रद्धालुओं ने शिवालयों में जल अर्पण किया और नाग देवता को दूध-लावा निवेदित किया। पहाड़ी मंदिर पर...

नापंचमी: नाग देवता के दर्शन कर धन्य हुए श्रद्धालु
हिन्दुस्तान टीम,रांचीThu, 16 Aug 2018 10:31 PM
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सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर शिवभक्तों ने नाग देवता की पूजा की। नागपंचमी के मौके पर बुधवार को श्रद्धालुओं ने शिवालयों में जल अर्पण किया और नाग देवता को दूध-लावा निवेदित किया। पहाड़ी मंदिर पर भक्तों की भीड़ उमड़ी। बड़ी संख्या में भक्तों ने शिवालिंग पर जल अर्पण किया और मनोवांछित फल की कामना की। महादेव द्वारा गले में नाग देवता को धारण किए जाने से इस दिन की विशेष महत्ता है। भक्तों ने नागराज के साथ राजा तक्षक की भी पूजा की। कई घरों में श्रद्धालुओं ने घरों में कटहल के पत्तों पर दूध-लावा रखकर पूजा की और सरसों से सने गोबर से चहारदीवारी पर नागदेव की आकृति बनायी। मान्यता है कि समस्त दुर्गुणों का त्याग कर सद्गुण के साथ भोलेनाथ के गले में विराजमान होनेवाले नाग देवता नागपंचमी के दिन सगुण से युक्त होकर अभिष्ट सिद्धि देते हैं।

अमृत सिद्धि योग में हुई विशेष पूजा

नागपंचमी के दिन विशेष संयोग बना। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने विशेष योग में मनोरथ सिद्धि के लिए विशेष पूजा की। कई मंदिरों में पुरोहितों के सान्निध्य में शिव पुराण में वर्णित नमका-चमका के महामंत्रों के साथ सदाशिव की आराधना की गयी। कालसर्प योग दोष निवारण के लिए सैकड़ों भक्तों द्वारा सामर्थ्य के मुताबिक महामंत्रों का जाप कराया गया।

20 हजार भक्त पहुंचे पहाड़ी मंदिर

पहाड़ी मंदिर समेत अन्य शिवालयों में इस मौके पर भक्तों की भीड़ उमड़ी। पहाड़ी मंदिर में सुबह चार से शाम पांच बजे तक करीब 20 हजार शिवभक्तों ने जलाभिषेक किया। शिखर पर स्थित नाग बाबा स्थल पर भक्तों ने दूध-लावा चढ़ाया और मंगल कामना की। पहाड़ी मंदिर विकास समिति की ओर से श्रद्धालुओं की सेवादारी की गयी। सुरक्षा के लिए मुख्य द्वारा एवं शिखर पर पुलिसकर्मी तैनात थे।

नाग देवता के दर्शन को तांता लगा रहा

पहाड़ी मंदिर के मुख्य द्वार पर कई सपेरे नाग लेकर आए थे। मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालु नाग को दूध, धान का लावा अर्पित कर रहे थे और सपेरों को दान दे रहे थे। नाग के दर्शन के लिए वहां दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा।

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