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निर्बाध बिजली के लिए राज्य में मार्च तक तैयार होंगे 18 ग्रिड सब स्टेशन  

अगले वर्ष मार्च में 220 और 132 केवी क्षमता वाले 18 ग्रिड सब-स्टेशन तैयार हो जाएंगे। झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड (जेयूएसएनएल) के प्रबंध निदेशक ने निर्माण कर रही संबंधित एजेंसियों को डेडलाइन दे...

निर्बाध बिजली के लिए राज्य में मार्च तक तैयार होंगे 18 ग्रिड सब स्टेशन  
हिन्दुस्तान ब्यूरो,रांची Wed, 14 Nov 2018 05:40 PM
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अगले वर्ष मार्च में 220 और 132 केवी क्षमता वाले 18 ग्रिड सब-स्टेशन तैयार हो जाएंगे। झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड (जेयूएसएनएल) के प्रबंध निदेशक ने निर्माण कर रही संबंधित एजेंसियों को डेडलाइन दे दिया है। राज्य में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए ग्रिड सब-स्टेशनों का विकास जरूरी है। 
राज्य में उपभोक्ताओं की संख्या 61 लाख पहुंच गई है। अब केवल चार लाख घरों तक बिजली पहुंचाना बाकी है। इस कारण बिजली की मांग 2200 से 2550 मेगावाट पहुंच गई है। डीवीसी कमांड क्षेत्र के उपभोक्ताओं को शामिल कर लें तो बिजली की मांग 3400 मेगावाट से अधिक है। संचरण क्षमता के विस्तार के बगैर गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति मुमकिन नहीं है। झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक निरंजन कुमार के अनुसार राज्य में 42 ग्रिड-सब-स्टेशन हैं। बिजली की दस वर्षोँ की मांग के हिसाब से 114 ग्रिड सब-स्टेशनों की जरूरत है। 78 ग्रिड सब-स्टेशनों का निर्माण कराया जा रहा है। इनमें से 18 का काम अगले वर्ष मार्च में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
 इसके बाद राज्य में बढ़ी हुई बिजली के मांग के अनुरूप बेहतर आपूर्ति के लिए संचरण क्षमता विकसित हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही कई और नए ग्रिड सब-स्टेशनों का काम शुरू कराया जाएगा। ग्रिड सब-स्टेशनों से वितरण सब-स्टेशनों तक बिजली पहुंचाने के लिए नई संचरण लाइनों की क्षमता का भी विस्तार किया जा रहा है। 
इन स्थानों पर तैयार होंगे ग्रिड सब-स्टेशन
132 केवी वाले ग्रिड सब-स्टेशन : खूंटी, झरिया, जमुआ, बहरागोड़ा, चंदनक्यारी, चतरा, जसीडीह, रिहंद, कांके। एक पर 40 से 50 करोड़ का खर्च। 
220 केवी ग्रिड सब-स्टेशन : लोहरदगा, पतरातू-बुडमू, जैनामोड़, गिरिडीह, गढ़वा, गोड्डा, गोविंदपुर, लोहरदगा, राजमहल (तैयार)। एक पर 60 से 70 करोड़ का खर्च।
 

ग्रिड सब-स्टेशनों का लाभ 

  • राज्य में एक समान बिजली की आपूर्ति हो सकेगी
  • डीवीसी क्षेत्र में भी बिजली वितरण निगम कर सकेगा आपूर्ति
  • जरूरत के अनुसार बिजली स्थानांतरित की जा सकेगी
  • बार-बार कटौती नहीं होगी, वोल्टेज की समस्या नहीं रहेगी 
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