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कोरोना के कारण सूबे में खुली 17 कंपनियां

कोरोना काल में राज्य की 17 कंपनियों को सेनेटाइजर निर्माण का लाइसेंसकोरोना के कारण सूबे में खुली 17...

कोरोना के कारण सूबे में खुली 17 कंपनियां
हिन्दुस्तान टीम,रांचीSun, 24 May 2020 09:15 PM
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प्रधानमंत्री ने पांच दिन पहले ही राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा था कि संकट के इस दौर में ‘लोकल ने ही हमें बचाया है। स्थानीय स्तर पर निर्मित उत्पादों ने ही आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया है। हमें इसे ही आत्मनिर्भर बनने का मंत्र बनाना चाहिए। झारखंड के परिप्रेक्ष्य में भी यह बात बिलकुल सटीक बैठती है। कोरोना संकट से पूर्व सेनेटाइजर के मामले में झारखंड दूसरे प्रदेशों पर निर्भर था। शुरुआती दिनों में बाजार में यह ढूंढ़े नहीं मिल रहा था, लेकिन आज राज्य पूरी तरह आत्मनिर्भर है। लॉकडाउन के दौरान औषधि नियंत्रण विभाग द्वारा राज्य में 17 कंपनियों को सेनेटाइजर निर्माण की अनुमति दी गई। जबकि पहले से मात्र एक ही कंपनी संचालित थी। लाइसेंस मिलने के बाद सभी कंपनियों ने उत्पादन भी प्रारंभ कर दिया। फिलहाल राज्य में प्रतिदिन 57,100 लीटर सेनेटाइजर का निर्माण किया जा रहा है। मरीज मिलने से पहले 14 कंपनियों को लाइसेंसकोरोना वायरस से बचाव के लिए हैंड सेनेटाजर की मांग काफी बढ़ गई है। इसे देखते हुए औषधि नियंत्रण विभाग, झारखंड की ओर से कंपनियों को तत्काल सेनेटाइजर बनाने का लाइसेंस देने की प्रक्रिया शुरू की गई। परिणाम यह हुआ कि राज्य में कोराना का पहला मरीज 31 मार्च को मिली थी, लेकिन औषधि नियंत्रण विभाग उससे पहले 24 मार्च से 31 मार्च के बीच ही राज्य में 14 कंपनियों को सेनेटाइजर बनाने का लाइसेंस दे चुका था। जबकि, सात अप्रैल से 13 अप्रैल के बीच तीन कंपनियों को निर्माण का लाइसेंस दिया गया। कहां कहां हो रहा निर्माणजिला कितनी कंपनी प्रतिदिन/लीटररांची 06 23,500धनबाद 01 20,000सरायकेला 04 4,800देवघर 04 4,700पू सिंहभूम 02 1,100पलामू 01 3,00013 साल पुरानी कंपनी को कोरोना के कारण राज्य में पहला ऑर्डर कोरोना काल से पहले राज्य में मात्र एक कंपनी सेनेटाइजर का निर्माण कर रही थी। रांची के तुपुदाना में संचालित बायोसेफ मेडिकल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 17 दिसंबर 2007 को ही राज्य सरकार ने सेनेटाइजर निर्माण का लाइसेंस दिया था। कंपनी सेनेटाइजर बना भी रही थी। कंपनी के निदेशक संदीप कुमार कहते हैं कि वह पिछले लगभग 13 साल से राज्य में सेनेटाइजर बना रहे हैं, लेकिन कोरोना संकट (मार्च 2020) से पहले उन्होंने एक भी फाइल सेनेटाइजर झारखंड में नहीं बेचा है। उन्हें राज्य से कभी ऑर्डर नहीं मिला, लेकिन कोरोना संकट के दौरान सरकार ने उपयोगिता समझी, पूरी क्षमता के अनुसार सेनेटाइजर की आपूर्ति राज्य में की है। वर्जनप्रदेश में सेनेटाइजर की किसी तरह की कोई कमी नहीं है। हम पूरी तरह आत्मनिर्भर हैं। जरूरत पड़ी तो उत्पादन क्षमता को और बढ़ाया भी जा सकता है। कंपनियों को तत्काल लाइसेंस दिया जा रहा है।

- रितु सहाय, निदेशक, औषधि नियंत्रण विभाग

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