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झारखंड के 12 जजों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गयी

राज्य के 12 न्यायिक अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गयी है। झारखंड हाईकोर्ट ने इन्हें सीआरएस देने की अनुशंसा कर राज्य सरकार को भेजी थी। सरकार ने इस अनुशंसा को मंजूर करते हुए सभी के सीआरएस देने...

झारखंड के 12 जजों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गयी
हिन्दुस्तान टीम,रांचीSun, 13 Aug 2017 01:11 PM
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राज्य के 12 न्यायिक अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गयी है। झारखंड हाईकोर्ट ने इन्हें सीआरएस देने की अनुशंसा कर राज्य सरकार को भेजी थी। सरकार ने इस अनुशंसा को मंजूर करते हुए सभी के सीआरएस देने की मंजूरी प्रदान कर दी। कार्मिक विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी। जिन न्यायिक अधिकारियों को सीआरएस दिया है, उनकी उम्र 50 साल हो गई है। इन्हें हाईकोर्ट के सेवा नियमावली के तहत सीआरएस दिया जा रहा है। सभी को अधिसूचना के लागू होने की तिथि या 22 अगस्त जो पहले लागू होगी उस दिन सेवा से मुक्त माना जाएगा। सभी को तीन माह का वेतन और भत्ता दिया जाएगा। मालूम हो कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने न्यायिक सेवा के 12 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सेवानिवृत्त कराने के प्रस्ताव पर सहमति प्रदान कर दी थी। इससे पहले हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने सरकार को भेजे गये पत्र में कहा था कि न्यायिक सेवा के अधिकारियों की वार्षिक रिपोर्ट आने के बाद 12 अफसरों को सीआरएस देने का फैसला हाइकोर्ट ने लिया है। झारखंड में जजों को जबरन सेवानिवृत्ति देने का यह दूसरा मामला है। इससे पहले तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीके गुप्ता के कार्यकाल में भी 22 न्यायिक अफसरों को सीआरएस दिया गया था। इन्हें मिला सीआरएस जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार सिंह, गिरिश चंद्र सिन्हा, गिरिजेश कुमार दुबे, ओम प्रकाश श्रीवास्तव, राजेश कुमार पांडेय, अमेशानंद मिश्रा व यशवंत कुमार शाही, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राम जियावन व रामजीत यादव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अशोक कुमार सिंह, प्रधान न्यायाधीश अरुण कुमार गुप्ता और पीठासीन पदाधिकारी राज नंदन राय।

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