करमा हमारी संस्कृति और परंपरा का जीवंत प्रतिक : डॉ ज्योति वालिया
रामशोभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन में करमा पूजा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर छात्रों और शिक्षकों ने सामूहिक पूजा की और करमा देवता की आराधना की। कार्यक्रम में पारंपरिक नृत्य और गीत प्रस्तुत किए गए। प्राचार्या...

रामगढ़, शहर प्रतिनिधि। रामशोभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन में सोमवार को झारखंड की संस्कृति का महत्वपूर्ण पर्व करमा पूजा का पारंपरिक उत्साह और उमंग के साथ आयोजन हुआ। इसकी शुरुआत कॉलेज परिसर में छात्र-छात्राओं तथा शिक्षकों ने सामूहिक पूजा-अर्चना व प्रशिक्षुओं की ओर से झारखंडी गमछा दे कर हुआ। इस अवसर पर करमा देवता की आराधना की गई और प्रकृति संरक्षण और भाईचारे का संदेश दिया गया। पूजा के बाद छात्राओं ने पारंपरिक नृत्य और गीत प्रस्तुत कर वातावरण को आनंदमय बना दिया। कॉलेज की प्राचार्या डॉ ज्योति वालिया ने करमा पर्व के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह त्योहार हमारी संस्कृति और परंपरा का जीवंत प्रतीक है।
जो हमें पेड़-पौधों, पर्यावरण और सामाजिक सद्भाव से जोड़ता है। इस अवसर पर कॉलेज परिवार के सभी सदस्य एकजुट होकर पर्व का आनंद उठाए और सामूहिक नृत्य में भी भाग लिया। इस कार्यक्रम को महाविद्यालय के आईक्यूएसी कोर्डिनेटर अभिषेक कुमार पांडेय ने संबोधित करते हुए सभी को करमा पूजा की शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम का समापन प्रसाद वितरण और धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। मंच का संचालन संदीप प्रसाद और विद्या कुमारी ने किया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी व्याख्यातागण और प्रशिक्षुगण उपस्थित रहे।

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