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गोबर में रखना नहीं आया काम, अंधविश्वास में चली गई जान

हम 21वीं सदी में चले गए हैं, लेकिन हम आज भी अंधविश्वास और मनगढ़ंत बातों से बाहर निकल नहीं पा रहे हैं। इसी अंधविश्वास ने सोमवार को एक महिला की जान ले ली। सोमवार की शाम रामगढ़ जिले के जारा बस्ती निवासी...

गोबर में रखना नहीं आया काम, अंधविश्वास में चली गई जान
हिन्दुस्तान टीम,रामगढ़Mon, 31 Jul 2017 09:54 PM
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हम 21वीं सदी में चले गए हैं, लेकिन हम आज भी अंधविश्वास और मनगढ़ंत बातों से बाहर निकल नहीं पा रहे हैं। इसी अंधविश्वास ने सोमवार को एक महिला की जान ले ली। सोमवार की शाम रामगढ़ जिले के जारा बस्ती निवासी लक्ष्मण महतो की पत्नी कलशी देवी(25 वर्ष) की मौत ठनका की चपेट में आने से हो गई। वह मुरार्मकला में खेती कर रही थी, इसी दौरान ठनका ने अपनी जद में ले लिया। घटना की खबर आग की तरह आसपास के क्षेत्रों में फैल गई। इससे आसपास के सैकड़ों लोग घटनास्थल में जुट गए। वहां इकट्ठा हुए लोग घायल महिला को अस्पताल ले जाने की जगह पास में ही जमा करके रखे गए गोबर पर घंटों लेटाकर इस आस में रखे रहे कि उसकी जान आ जाएगी लेकिन काफी देर इंतजार के बाद भी जब उसके शरी में कोई हरकत नहीं हुई तो समाजसेवी रमेश महतो ने सीओ और रामगढ़ थाना को फोन पर सूचित किया। इसके बाद अंचल कर्मचारी घटनास्थल पहुंचे। प्रशासन की ओर से पारिवाहिक लाभ के तहत 10 हजार रुपए का भुगतान मंगलवार को किया जाएगा। साथ ही शव का पोस्टमार्टम भी मंगलवार को ही होगा। रिम्स के सह प्रध्यापक डॉ विद्यापति का कहना है कि ठनका के शिकार हुए मरीज को गोबर की नहीं बल्कि मेडिकल सुविधा की तत्काल जरूरत होती है। डॉक्टर के अनुसार ठनका से इंसान का शरीर झुलस जाता है साथ ही करंट इंसान के हृदय तक पहुंच जाता है जिससे उसकी मौत हो जाती है। कई बार हल्के झटके में मरीज मूर्छित अवस्था में होता है। ऐसे मरीज को दवा और चिकित्सीय सुविधा से बचाया जा सकता है, लेकिन लोग कईबार अंधविवास में पकड़कर उसे गोबर में लपेटकर रखते हैं जिससे उसकी जान चली जाती है।

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