तीखी मिर्च से जीवन में घूल रही मिठास
मांडू प्रखंड के बसंतपुर पंचायत में कुछ किसानों के जीवन में तीखी मिर्च की खेती मिठास घोल रही है। हरी मिर्च के जगह काली मिर्च की खेती करके किसान...
वेस्ट बोकारो, निज प्रतिनिधि।
मांडू प्रखंड के बसंतपुर पंचायत में कुछ किसानों के जीवन में तीखी मिर्च की खेती मिठास घोल रही है। हरी मिर्च के जगह काली मिर्च की खेती करके किसान समृद्ध हो रहे हैं। गांव के किसान बालेश्वर महतो ने बताया कि पिछले दो वर्ष से काले रंग की मिर्च की खेती कर रहा हूं। इसकी खेती सालों भर की जाता है। पौधा लगाने के बाद डेढ़ से दो माह में फल देने लगता है। पौधा लगाने के बाद समय-समय पर खाद्य और दवा का छिड़काव करना पड़ता है। मिर्च की लंबाई एक से दो इंच और रंग काला होता है। इस मिर्च का फल उपर की ओर खड़ा रहता है। यह हरी मिर्च से ज्यादा तीखा होता और बाजार में यह महंगा बिकता है। वहीं इस संबंध में टाटा स्टील फाउंडेशन के एग्रीकल्चर मैनेजर आदित्य सिंह ने बताया कि काली मिर्च खाने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
इस मिर्ची में पाया जाता है कई तत्व
इसमें हरी मिर्च की अपेक्षा पोषक तत्वों जैसे विटामिन ए, बी6, सी, आयरन, कॉपर, पोटेशियम, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में होती है। यही नहीं इसमें बीटा कैरोटीन, क्रीप्टोक्सान्थिन, लुटेन-जॅक्सन्थिन आदि स्वास्थ्यवर्धक चीजें मौजूद है। काली मिर्च में विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में होता है। एंटी-ऑक्सीडेंट का एक अच्छा माध्यम है। इस मिर्च में डाइट्री फाइबर्स प्रचुर मात्रा में होता है, जिससे पाचन क्रिया सुचारु बनी रहती है। विटामिन ए से भरपूर यह मिर्च आंखों और त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद है।
ब्लड शुगर में कारगर होता है काली मिर्ची
हाल में हुई कुछ स्टडीज के अनुसार काली मिर्च ब्लड शुगर को कम करने में कारगर होता है। यह मस्तिष्क में एंडोर्फिन का संचार करती है जिससे हमारा मूड काफी हद तक खुशनुमा रहने में मदद मिलता है।