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चैनपुर के केडेंग में अंतरराष्ट्रीय विकलांगता दिवस पर द सिस्टर ऑफ संत चार्ल्स सोसाइटी कार्यक्रम

विकलांगों को भी आम लोगो के समान ही जीने का अधिकार हैविकलांगों को भी आम लोगो के समान ही जीने का अधिकार हैविकलांगों को भी आम लोगो के समान ही जीने का...

चैनपुर के केडेंग में अंतरराष्ट्रीय विकलांगता दिवस पर द सिस्टर ऑफ संत चार्ल्स सोसाइटी कार्यक्रम
हिन्दुस्तान टीम,गुमलाSun, 20 Dec 2020 11:50 PM
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चैनपुर प्रतिनिधि

चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के केड़ेग में द सिस्टर ऑफ संत चार्ल्स सोसाइटी के तत्वावधान में शनिवार को अंतरराष्ट्रीय विकलांगता दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।बतौर मुख्य अतिथि उप प्रमुख सह जेएमएम के जिला उपाध्यक्ष सुशील दीपक मिंज व संत चार्ल्स ब्रोरोमियो सोसाइटी के प्रोविंशियल सिस्टर सेवास्ती व संस्था के डायरेक्टर सिस्टर ओलिविया द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया। मौके पर मुख्य अतिथि श्री मिंज ने कहा कि विकलांगता अभिशाप नहीं बल्कि विकलांगों को भी आम लोगो की तरह ही समान रूप से जीने का अधिकार है। आज विकलांग को भी समाज में आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाए ,तो वे कोयला को भी हीरा बनाने की क्षमता रखते हैं। समाज में उन्हें अपनत्व का प्यार मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि परिवार वाले अगर मानसिक सहयोग न दे तो व्यक्ति अंदर से टूट जाता है। वैसे तो दिव्यांगों के पक्ष में हमारे देश में दर्जनभर कानून बनाए गए हैं । यहां तक की सरकारी नौकरियों में आरक्षण भी मिला है परंतु यह सभी चीजें गौण हो जाती है। हमें उनकी भावनाओं को समझना होगा और समाज में एक आम नागरिक की तरह हमे व्यवहार करना होगा तभी उनका मनोबल ऊंचा होगा। श्री मिंज ने यह भी कहा कि संत चार्ल्स बॉरोमियो संस्था के सिस्टर द्वारा विकलांगों के लिए जो कार्य किया जा रहा है वह काफी सराहनीय है। हम जितनी तारीफ करें कम है। कार्यक्रम में बरवे नगर पंचायत के मुखिया कमल केरकेट्टा ने कहा कि दिव्यांगों को सही मौका मिले, तो वह काफी आगे जा सकते हैं। हमें उन्हें सरकार के हर लाभ को उन तक पहुंचाना होगा। वर्तमान सरकार दिव्यांगों के लिए काफी कार्य कर रही है। इससे पूर्व मुख्य अतिथि श्री मिंज व सुपीरियर सिस्टर द्वारा दिव्यांग बच्चों के बीच कंबल, दिव्यांग टेबल व प्राइज का वितरण किया गया। कार्यक्रम में दिव्यांग बच्चों ने आकर्षक गीत-संगीत के कार्यक्रम प्रस्तुत किये। जिसे देखकर सभी मंत्रमुग्ध हो गए। मौके पर मुख्य रूप से सिस्टर जयंती ,सिस्टर अंजू, फादर जस्टिन, फादर आनंद मिलन कुजूर ,कलिस्ता बरवा , निर्मला किशोरी सहित भारी संख्या में दिव्यांग व उनके अभिभावक मौजूद थे।

द सिस्टर ऑफ संत चार्ल्स सोसाइटी के प्रयासों से 41 दिव्यांग बच्चों ने किया इंप्रूव

प्रोविंशियल सिस्टर सेबास्ती ने कहा कि विकलांगों को भी सम्मान से जीने का अधिकार है। इन्हें अलग न समझा जाए। वे अपने आप को सौभाग्यशाली समझती हैं कि उनकी संस्था द्वारा विकलांगों के लिए एक सोसाइटी बनाकर कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में द सिस्टर ऑफ संत चार्ल्स सोसाइटी में 41 बच्चे को काउंसलिंग कर थेरेपी के माध्यम से इंप्रूव किया जा रहा है। काफी संख्या में विकलांग बच्चों को इंप्रूव कर घर भेज चुका दिया गया है। वहीं सिस्टर ओलिविया ने बताया कि हमारी संस्था द्वारा क्षेत्र में कई कार्य किए जा रहे हैं । विकलांगों के लिए हमारी सोसाइटी काफी कार्य कर रही है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी शिक्षा के क्षेत्र में भी हमारी संस्था काफी कार्य कर रही है। उन्होंने दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों को कहा कि आपको निराश होने की आवश्यकता नहीं है। आपका यह दिव्यांग बच्चा एक दिन आपका नाम रोशन कर सकता है। बशर्ते आपको भी अपनी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी।

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