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इतिहास के सबसे चहेते आलिम थे अजहरी मियां

एदार-ए-शरिया रामगढ़ अंसराबाद और मदरसा अहले सुन्न्त नुरूल इस्लाम डुड़गी में बिते मंगलवार रात ताजु शरिया अलामा अख्तर रजा खान अजहरी मियां के इसाले सवाब के लिए कुरआनख्वानी और जलसे का आयोजन किया...

इतिहास के सबसे चहेते आलिम थे अजहरी मियां
हिन्दुस्तान टीम,रामगढ़Thu, 26 Jul 2018 01:18 AM
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एदार-ए-शरिया रामगढ़ अंसराबाद और मदरसा अहले सुन्न्त नुरूल इस्लाम डुड़गी में बिते मंगलवार रात ताजु शरिया अलामा अख्तर रजा खान अजहरी मियां के इसाले सवाब के लिए कुरआनख्वानी और जलसे का आयोजन किया गया। जलसे का सदारत मुफ्ती अब्दुल कुद्दूश मिसवाही और संचालन कारी मनौव्वर सैफी ने किया। महफिल का आगाज हाफीज अयुब रही के कुरआने पाक कि तिलावत से किया गया। इसके बाद हिन्दुस्तां के मशुहर शायरे इस्लाम जमजम फतेहपुरी, मौलाना एजाज अर्शी, ताबिश बोकारवी आदि ने नात पेश कर अकीदतमंदों को झूमा दिया। इसमें रौनके ताजो शरिया फख्रे हैदर चल दिए.., अहले सुन्नत रूहे रवा चल दिए.., अश्क रूकते नहीं.. आदि नात दिलों को छू लिया। वहीं मुफ्ती अब्दुल कुद्दूश, मौलाना इकबाल मिसवाही, मुफ्ती खालिद मिसवाही, मौलाना सद्दाम आदि तकरीर पेश किए। सबों ने ताजू शरिया के जिंदगी और कारामत पर रोशनी डाली। कहा कि इतिहास के सबसे चहेते आलिम अजहरी मियां थे। वे 13 भाषाओं के ज्ञाता थे। पूरी दुनिया में उनके मुरिदानों की संख्या लगभग 10 करोड़ है। उनके जनाजे के नमाज में लगभग 4 करोड़ लोग शिरकत फरमाया। जो एक विश्व रिकोर्ड बन गया। उनके बताए रास्ते पर चलने का आह्वान किया। इसके बाद सलातो सलाम के बाद दुआ के साथ जलसा खत्म किया गया। मौके पर हाजी मो खलील, हाजी कमरूल हसन खान, सदर कैसर हसन, सेकेट्री शफीक अंसारी, मो आफताब आलम, नसीम अख्तर, मो नसीर, मो मोकीम, मो आशिक, मो आजाद, मो अख्तर, डॉ मो जाकिर, मो शाहिद, मो एहशान, मो शफाकत, मो महफुज, मो समद, मो सालेहात सहित भारी संख्या में लोग मौजूद थे।

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