मल्लिकार्जुन हत्याकांड: आजसू की प्रशासनिक पकड़ कमजोर या नेता को वजूद बताने की कवायद
रामगढ़ जिले में आजसू की प्रशासनिक पकड़ कमजोर हो गयी है या अपने एक नेता को उनका वजूद बताने की कवायद है? यह सवाल अब बरका-सयाल कोयलांचल में आमजनों के बीच उठने लगा...
रामगढ़ जिले में आजसू की प्रशासनिक पकड़ कमजोर हो गयी है या अपने एक नेता को उनका वजूद बताने की कवायद है? यह सवाल अब बरका-सयाल कोयलांचल में आमजनों के बीच उठने लगा है। इसके पीछे मूल वजह आजसू नेता सह यूनियन के राष्ट्रीय महामंत्री सतीश सिन्हा का मल्लिकार्जुन हत्याकांड में पूछताछ के लिए 60 घंटे से पुलिस कैद में रहने का है। सतीश सिन्हा का राजनीतिक कद को नजरअंदाज कर पुलिस उन्हें गुरुवार की रात से ही हिरासत में रखी हुई है। जबकि आज रविवार को शाम तक उनसे किसी तरह की पूछताछ पुलिस की ओर से नही किया गया है। सतीश सिन्हा के साथ कोयला व्यवसायी गजानंद प्रसाद को भी 60 घंटे से पतरातू थाने में रखी है, जो मानवाधिकार का उल्लंघन भी बताया जा रहा है। पतरातू में पूछताछ के नाम पर संजीव सिंह वघेल, सब्बू, कुलदीप आदि रोके गए हैं। जबकि मानवाधिकार हनन का दुहाई देनेवाले एक भी नुमाइंदे सामने नहीं आ रहे हैं।
मल्लिकार्जुन के साथ चाय-पानी महंगा पड़ा-
सतीश सिन्हा का बीजीआर में ट्रांसपोर्टिंग का काम चलता है। ऐसे में मल्लिकार्जुन से संबंध होना लाजमी है। सयाल के कैप्टन होटल में सतीश सिन्हा चाय-पान कर रहे थे इसी बीच वहां मल्लिकार्जुन पहुंचते है और उनके साथ भी चाय नाश्ता होता है। सतीश सिन्हा 140 रुपए का बिल भी देते हैं। यही उनपर भारी पड़ गया।
समर्थक आज से बैठ सकते हैं धरना पर
पतरातू थाने के बाहर रविवार की दोपहर जमे सतीश सिन्हा के समर्थक काफी गुस्से में थे। उनका कहना था कि यदि आज नहीं छोड़ा गया तो सोमवार से थाना के बाहर धरना पर बैठ जाएंगे। हालांकि समर्थकों को ऊपरी नेतृत्व का अनुमति लेना होगा।