आईओसीएल का आदिवासियों की जमीन पर नियम के विरुद्ध कब्जा का प्रयास, किसानों में आक्रोश
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दुलमी, निज प्रतिनिधि । दुलमी अंचल क्षेत्र स्थित चटाक गांव में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड कंपनी आदिवासियों के खेती योग्य जमीन पर जबजरस्ती अधिग्रहण करने का प्रयास कर रही है। जिसका आदिवासी परिवारों ने जोरदार विरोध किया है। चटाक के जनार्दन मानकी ने बताया जमीन देने से मना करने पर क्षेत्र के थानेदार से दबाव बनाने व प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड भारत सरकार के स्वामित्व वाली एक महारत्न कंपनी है,जो पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस क्षेत्र में काम करती है। यह भारत की सबसे बड़ी वाणिज्यिक तेल कंपनी है। जिसका कारोबार रिफाइनिंग, पाइपलाइन परिवहन तक फैला हुआ है।
उन्होंने बताया कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने हमारी खेती योग्य जमीन पर जबरजस्ती अधिग्रहण कर पाइप लाइन बिछाने का प्रयास कर रही है। ज्ञातव्य हो कि भू राजस्व राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आता है। आदिवासियों की जमीन के विशेष प्रावधान है, जो सीएनटी एक्ट द्वारा संचालित होते हैं। आईओसीएल भारत सरकार की इकाई है, केंद्र सरकार या केंद्र सरकार की कोई भी अनुषंगी इकाई, बोर्ड निगम को अपने उद्देश्य के लिए भूमि की आवश्यकता होने पर संबंधित राज्य सरकार तथा भू राजस्व विभाग की स्वीकृति आवश्यक मानी जाती है तथा भूमि अधिग्रहण विभाग के द्वारा जमीन लेने का प्रावधान है। परंतु हमारे गांव सहित दुलमी व रामगढ़ प्रखंड के विभिन्न गांवों से होकर इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा पाइप लाइन बिछाने के लिए हम आदिवासी रैयतों की सहमति के बगैर सर्वे कर लिया गया है और उसके बाद अन्य रैयतों सहित आदिवासियों को नोटिस निर्गत करके आनन फानन में मुआवजा का भुगतान जो सरकारी दर से काफी कम लगभग 20 प्रतिशत की राशि लेने के लिए बाध्य किया जा रहा है। जबकि किसी भी प्रकार के अधिग्रहण के लिए राज्य के भूमि अधिग्रहण विभाग से भूमि लेने का अधिकार है। परंतु आईओसीएल इसे भूमि अधिग्रहण मानने से ही इंकार कर रहा है। आईओसीएल का कहना है कि हमारे द्वारा ली जानेवाली जमीन अधिग्रहण नहीं है और सभी रैयत नीचे से गैस पाइप लाइन ले जाने के बाद ऊपर में खेती कर सकते हैं। इधर आदिवासी किसान परिवार ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग अध्यक्ष दिल्ली को एक पत्र लिख कर आदिवासियों की रक्षा के लिए जल्द संज्ञान में लिया जाए।
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