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कोयलांचल में पूरी तरह सक्रिय हैं सरकारी जमीन कब्जाने व बेचने के सौदागर

--अस्पताल जैसे महतवपूर्ण संस्थान के जमीन कब्जाने से बढ़ा है मनोबल कोयलांचल कुजू व आसपास के इलाके के कोलियरियों में सक्रिय है सरकारी जमीन कब्जाने व बेचने वाला रैकेट। इसका मुख्य कारण है सीसीएल की...

कोयलांचल में पूरी तरह सक्रिय हैं सरकारी जमीन कब्जाने व बेचने के सौदागर
हिन्दुस्तान टीम,रामगढ़Thu, 10 Sep 2020 03:04 AM
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कोयलांचल कुजू व आसपास के इलाके के कोलियरियों में सक्रिय है सरकारी जमीन कब्जाने व बेचने वाला रैकेट। इसका मुख्य कारण है सीसीएल की कोलियरियों, टिस्को वेस्ट बोकारो कोलियरी समेत इफिको, बीआरएल जैसे सरकारी संस्थानों से सेवानिवृत होने वाले लोग अपने जीवन के अधिकांश उम्र इस क्षेत्रमें गुजारने के बाद इसी क्षेत्र की आबोहवा व धरती से अपने प्रेम-लगाव को देखते हुए शेष जीवन भी यहीं गुजारने की तमन्ना रखते हैं। इसी का लाभ उठाकर सरकारी जमीन कब्जाने व खरीद-फरोख्त करने वाले रैकेट के लोग तरह-तरह के प्रलोभन व सुविधा का झूठा सब्जबाग दिखाकर ऐसे लोगों के जीवन की गाढ़ी कमाई बगैर हथियार दिखाए ही सहज तरीके से लूट लेते हैं। ऐसे भू-माफियाओं के रैकेट को फलने फूलने का मौका तब मिला जब टूटीझरना रेफरल अस्पताल के चिकित्सकों के आवास हेतू दान रूवरूप मिले जमीन खाता संख्या 76 खेसरा 845 रकवा 3 एकड़ 99 डिसमिल के साथ ही सांडी उर्फ तिलैया पंचायत अंतर्गत खाता नंबर 76 प्लौट 845 रकवा 44 एकड़ 88 डिसमिल गैरमजरूवा सरकारी जमीन को बेचकर बेफिक्र होकर अपने ऐशो आराम को और बढ़ाते हुए अंचल से लेकर क्षेत्र के राजस्व कर्मी की भी जेब गर्म करते रहे। इस पूरे मामले पर लगातार लीपातोती होते रहने से सरकारी जमीन कब्जाने का रैकेट चलाने वाले जमीन के कारोबारियों की नजर अब बोंगावार क्षेत्र से होकर गुजरने वाले रांची-पटना फोरलेन सड़क के इर्द-गिर्द के इलाके की सरकारी, वनभूमि, रेलवे व अन्य जमीन पर गड़ गई है। ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई न होने से भू-माफियाओं का क्षेत्र के जमीनों पर आधिपत्य कायम होता दिख रहा है। वहीं ऐसे तत्व मामले का खुलासा करने वाले लोगों को कभी एसीबी का भय दिखाकर तो रंगबाज से मनोवैज्ञानिक दबाबद डलवाकर अपने काम को बेसुध करने पर आमदा हैं। मामले की जानकारी राज्य के पुलिस मुख्यालय समेत संबंधित विभागों को दिया गया है। साथ ही ऐसे कारोबारियों की नकेल कसने के लिए एक कार्ययोजना बनाई जा रही है।

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