उप परियोजना निदेशक ने आम के रोग एवं उनके रोकथाम के लिए किसानों को दिए टिप्स
रामगढ़ उप परियोजना निदेशक व प्रखंड तकनीकी प्रबंधक ने दुलमी के किसानों को आम बागवानी के रोग और उनके रोकथाम के उपाय...
दुलमी। निज प्रतिनिधि
कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण आत्मा रामगढ़ के उप परियोजना निदेशक चंद्रमौली ने रविवार को प्रखंड क्षेत्र के दुलमी गांव पहुंचे और सहजनाथ महतो सहित अन्य लोगों के आम बागवानी का अवलोकन कर किसानों को आम के रोग व एवं उनकी रोकथाम की पूरी जानकारी दी। इस दरम्यान प्रखंड के प्रखंड तकनीकी प्रबंधक दिनेश रजवार व दर्जनों किसान मौजूद हुए। आम बागवानी के लिए उप परियोजना निदेशक चंद्रमौली के द्वारा बागवानी के रख-रखाव के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। ताकि बाग में फूल फल अच्छे से लगे और अच्छी उत्पादन हो सके। ताकि किसानों के आय में इजाफा हो। उन्होंने बताया कि आम फलों का राजा कहते हैं। आम के बाग में मंजर आने से पूर्व बगीचे का प्रबंधन कैसे करें। जहां कहीं भी डाई-बैक रोग के लक्षण आम के मंजर में अधिक दिखाई देते हैं। उस टहनी को आवश्यक रूप से जहां तक सुख गई है। उसके आगे 5-10 सेमी हरे हिस्से तक टहनी की कटाई-छंटाई करके उसी दिन कॉपर ऑक्सिक्लोराइड तीन ग्राम प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें तथा 10-15 दिनों के अंतराल पर एक छिड़काव पुनः करें।
आम के पेड़ में गमोसिस भी एक बड़ी समस्या है :
आम के पेड़ में गमोसिस भी एक बड़ी समस्या है। इसके नियंत्रण के लिए सतह को साफ करें और प्रभावित हिस्से पर बोर्डो पेस्ट लगाएं या प्रति 200-400 ग्राम कॉपर सल्फेट मुख्य तने पर लगाएं। वहीं गुम्मा व्याधि का संक्रमण होने पर एनएए, 200 पीपीएम दो ग्राम 10 लीटर पानी में या 90 मिली 200 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।
दिसंबर माह में बगीचे की हल्की जुताई करें :
उन्होंने बताया कि किसान भाई आम में मंजर आने से पूर्व दिसंबर माह में बगीचे की हल्की जुताई करें और बाग से खरपतवार निकाल दें, जिससे मिज कीट, फल मक्खी, गुजिया कीट एवं जाले वाले कीट की अवस्थाएं नष्ट हो जाये। इस महीने के अंत तक मिली बग के नियंत्रण के लिए आम के पेड़ की बैंडिंग की व्यवस्था करें, 25-30 सेमी की चौड़ाई वाली एक अल्केथेन शीट को 30-40 सेमी की ऊंचाई पर पेड़ के तने के चारों ओर लपेटा जाना चाहिए और पेड़ पर चढ़ने के लिए मिली बग कीट को रोकने के लिए निचले सिरे पर ग्रीस लगा देना चाहिए। मिली बग कीट के नियंत्रण के लिए पेड़ के नीचे मिट्टी में कार्बोसल्फान 100 मिली ग्राम को 100 लीटर पानी या क्लोरपायरीफास ग्रेन्यूल्स 250 ग्राम प्रति पेड़ में छिड़काव करना चाहिए। जनवरी माह में कभी कभी बौर जल्दी निकल आते हैं, यथा संभव तोड़ देना चाहिए। इससे गुम्मा रोग का प्रकोप कम हो जाता है।
आम में गमोसिस एवं अचानक पेड़ के सूखने वाले रोग से बचाने के उपाय :
आम में गमोसिस एवं अचानक पेड़ के सूखने वाले रोग से बचाव के लिए किसानों को चाहिए कि रोको-एम@तीन ग्राम प्रति लीटर के घोल से मिट्टी को खूब अच्छी तरह से भीगा दें। 10 वर्ष के वयस्क पेड़ के लिए लगभग 30 लीटर दवा के घोल की आवश्यकता पड़ेगी। 10 दिन बाद पुनः ड्रेंचिंग करें। पहला छिड़काव साफ 22 ग्राम एक लीटर दर से करें एवं 10 दिन के बाद बिलटॉक्स-50@3 ग्राम प्रति लीटर दर से करे।
