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नाम मर्चरी नंबर एक, मुर्दा घर बना है पता

कहते हैं सांसों के साथ ही इंतज़ार की घड़ियां भी थम जाती हैं, लेकिन ऐसा सब के नसीब में नहीं होता। कुछ बदनसीब ऐसे भी होते हैं, जिन्हें मरने के बाद भी सुकून नहीं मिलता। बदनसीबी की चादर में लिपटी एक ऐसी ही...

नाम मर्चरी नंबर एक, मुर्दा घर बना है पता
हिन्दुस्तान टीम,रामगढ़Thu, 08 Mar 2018 12:38 AM
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कहते हैं सांसों के साथ ही इंतज़ार की घड़ियां भी थम जाती हैं, लेकिन ऐसा सब के नसीब में नहीं होता। कुछ बदनसीब ऐसे भी होते हैं, जिन्हें मरने के बाद भी सुकून नहीं मिलता। बदनसीबी की चादर में लिपटी एक ऐसी ही लाश पिछले 10 दिनों से किसी अपने की राह ताक रही है, जो दुनिया को उसका नाम और पहचान बता सके। फिलहाल उसका नाम मर्चरी नंबर एक और पता रामगढ़ का मुर्दा घर बना हुआ है। रामगढ़ सदर अस्पताल के मुर्दाघर में पड़ी यह लाश एक 50-55 वर्षीय अधेड़ पुरुष की है, जिसे भुरकुंडा पुलिस ने 27 फरवरी को सीसीएल के 2 नंबर पोखरिया से बरामद किया था। इधर 10 दिन गुजरने के बाद भी मृतक की पहचान नहीं होने से पुलिस के मुश्किलें बढ़ गई है। एक ओर अनुसंधान को गति नहीं मिल रही तो दूसरी तरफ लाश का बोझ पुलिस के सिर पर है। अस्पताल प्रबंधन भी पुलिस पर लाश हटाने के लिए दबाव डाल रहा है।

भुरकुंडा पुलिस ने 27 फरवरी को सीसीएल के 2 नंबर पोखरिया से लाश को बरामद किया था। मृतक की जीभ बाहर निकली हुई है। इससे आशंका जताई जा रही है कि अधेड़ को गला घोंटने के बाद पोखरिया में फेंक दिया गया होगा। शव की स्थिति बताती है कि बरामदगी से 4-5 दिन पूर्व की हत्या या दुर्घटना हुई होगी। इधर पुलिस यूडी केस दर्ज कर अनुसंधान में जुटी है। थाना प्रभारी विष्णुदेव चौधरी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही अनुसंधान को सही दिशा मिलेगी।

मृतक के गले में क्रॉस के लॉकेट वाली एक माला है। इससे ये अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि मृतक ईसाई समाज से ताल्लुक रखता होगा। इसके अलावा मामले पर पुलिस को अब तक कोई लीड नहीं मिली है। थाना प्रभारी ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया पूरी होने तक अगर शिनाख्त नहीं हुई तो पुलिस ही लाश का अंतिम संस्कार करवाएगी।

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