Raghuvar Das may return to politics can be made BJP President संगठन के रास्ते राजनीति में वापसी कर सकते हैं रघुवर दास, BJP अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा, Jharkhand Hindi News - Hindustan
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संगठन के रास्ते राजनीति में वापसी कर सकते हैं रघुवर दास, BJP अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा

  • भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल पूरा हो चुका है। उनकी जगह नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश जारी है। बीते कुछ माह से रघुवर दास के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी की चर्चाएं संगठन में चली हैं। हालांकि इस संबंध में भाजपा ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है।

Devesh Mishra लाइव हिन्दुस्तान, रांची, हिन्दुस्तानWed, 25 Dec 2024 06:34 AM
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संगठन के रास्ते राजनीति में वापसी कर सकते हैं रघुवर दास, BJP अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा

ओडिशा के राज्यपाल के पद से रघुवर दास ने इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के साथ ही उनके संगठन के रास्ते राजनीति में वापसी की संभावना बढ़ गई है। अब उनके भाजपा में शामिल होने और संगठन बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा है। झारखंड में विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा की हार के बाद से ही रघुवर दास की वापसी की चर्चा थी। झारखंड में पहली बार बहुमत की सरकार चलाने वाले रघुवर दास को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का करीबी माना जाता है, ऐसे में चर्चा है कि उन्हें केंद्रीय राजनीति में भी जगह देकर राज्य की राजनीतिक समीकरणों को साधने की कोशिश की जाएगी।

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की भी चर्चा

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल पूरा हो चुका है। उनकी जगह नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश जारी है। बीते कुछ माह से रघुवर दास के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी की चर्चाएं संगठन में चली हैं। हालांकि इस संबंध में भाजपा ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है। रघुवर दास की गिनती झारखंड के बड़े ओबीसी नेताओं में होती है। ऐसे में चर्चा है कि राज्यसभा की किसी सीट से उन्हें सांसद बना राष्ट्रीय राजनीति में शामिल कर झारखंड में नए समीकरण साधने की कोशिश होगी।

हालिया हार से सबक

झारखंड की राजनीति में रघुवर दास की पकड़ मजबूत रही है। साल 2014-19 तक मुख्यमंत्री रहे दास राज्य में सबसे बड़ा ओबीसी चेहरा हैं। साल 2019 में उनके नेतृत्व में भाजपा ने चुनाव लड़ा था, तब पार्टी को 25 सीटें मिली थीं। दास को पहली बार तब राजनीतिक हार का सामना भी करना पड़ा था। लेकिन इस हार के बाद आदिवासी वोटरों को जोड़ने की कवायद में लगी भाजपा ने बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम का विलय कराया, इसके बाद उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी। वहीं राज्य की राजनीति से 2023 में रघुवर दास को राज्यपाल बनने के कारण अलग होना पड़ा था। साल 2024 के विधानसभा चुनाव तक पार्टी किसी ओबीसी चेहरो को भी खड़ा नहीं कर पायी। पार्टी को चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा, भाजपा अब महज 21 सीटों पर सिमट गई। ऐसे में रघुवर दास की वापसी की चर्चा विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद से ही हो रही थी।