पलामू प्रमंडल के 22 प्रखंडों में मनरेगा की स्थिति असंतोषजनक
राज्य के 95 प्रखंडों में मनरेगा से मजदूरों को नियोजन देने का प्रयास बेहद शिथिल है। पलामू जिले में संबंधित प्रखंडों की संख्या 13 है। वहीं पलामू प्रमंडल में संबंधित श्रेणी के प्रखंडों की संख्या 22 है।...
राज्य के 95 प्रखंडों में मनरेगा से मजदूरों को नियोजन देने का प्रयास बेहद शिथिल है। पलामू जिले में संबंधित प्रखंडों की संख्या 13 है। वहीं पलामू प्रमंडल में संबंधित श्रेणी के प्रखंडों की संख्या 22 है। संबंधित प्रखंडों के पंचायत में पांच से 95 मजदूर औसत रूप से कार्यरत है। मनरेगा आयुक्त ने इस संदर्भ में चिंता व्यक्त करते हुए तत्काल प्रति पंचायत 250 मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। मनरेगा आयुक्त ने उप-विकास आयुक्त सह मनरेगा के जिला कार्यक्रम समन्वयक को पत्र भेजकर संबंधित श्रेणी के प्रखंडों के अलावा वैसे अन्य प्रखंड भी जहां मनरेगा से मजदूरों को नियोजित करने की स्थिति संतोषजनक नहीं है, वहां विशेष ध्यान देकर काम में तेजी लाने का निर्देश दिया है। साथ ही मनरेगा के किसी भी काम में मशीन का प्रयोग नहीं होने देने की सख्त हिदायत दी है। साथ ही ऐसा होने की स्थिति में मशीन को जब्त कर संबंधित कर्मी व अधिकारी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। पलामू के 13 प्रखंडों में है असंतोषजनक स्थिति : पलामू जिले के 21 प्रखंडों में 13 प्रखंड यथा चैनपुर, पांकी, विश्रामपुर, छतरपुर, नौडीहा बाजार, लेस्लीगंज, मोहम्मदगंज, पंडवा, हैदरनगर, मेदिनीनगर, रामगढ़, पिपरा और सतबरवा प्रखंड में मनरेगा में मजदूरों को नियोजित करने का काम बेहद असंतोषजनक है। गढ़वा जिले के कुल 20 प्रखंडों में सात प्रखंड यथा कांडी, नगर उंटारी, रमना, खरौंधी, भंडरिया, बरगड़ और डंडा प्रखंड में मनरेगा में मदजूरों को नियोजित करने की स्थिति असंतोषजनक है। वहीं लातेहार जिले के कुल दस प्रखंडों में चंदवा और महुआडाड़ प्रखंड की स्थिति बेहद खराब है। पलामू जिले के प्रखंडों में फिलवक्त प्रति पंचायत औसतन 34 से 90 मजदूरों को ही रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। हालांकि दो दिन पूर्व उप-विकास आयुक्त सह डीडीसी ने नावाबाजार, पंडवा आदि प्रखंडों का दौरान कर मनरेगा की योजनाओं का क्रियान्वयन शुरू कराया है ताकि अधिक से अधिक मजदूरों को नियोजित किया जा सके। कोरोना संकट काल में दूसरे राज्यों से लौटने वाले प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या पलामू पहुंच रही है। करीब 40 हजार की संख्या में प्रवासी मजदूर लौट चुके हैं, बावजूद इसके मजदूरों के लौटने का क्रम जारी है। काम नहीं मिलने के कारण पलामू के गांवों में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है।