पलामू में पांच माह बाद पहुंचा रोटा वायरस के चार हजार वायल
पलामू में बच्चों के लिए रोटा वायरस टीके की उपलब्धता पांच महीने बाद फिर से शुरू हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, चार हजार वायल टीके प्राप्त हुए हैं। लगभग 28 से 30 हजार बच्चों को टीका देने की योजना...

मेदिनीनगर, प्रतिनिधि। पलामू में बच्चों को डायरिया से बचाव को दिये जाने वाले रोटा वायरस टीका पांच बाद उपलब्ध हो सका है। मई के बाद से जिले में रोटा वायरस टीका समाप्त हो गया था। इसके बाद बच्चों को रोटा वायरस का टीका नहीं लग पा रहा था। स्वास्थ्य विभाग के डीआरसीएचओ डॉ एसके रवि ने कहा कि तीन दिन पहले ही पलामू में चार हजार वायल रोटा वायरस आया है। उन्होंने कहा कि जो बच्चे रोटा वायरस के टीका से वंचित रह गए हैं,वैसे बच्चों को रोटा वायरस का टीका लगना शुरू हो जाएगा।उन्होंने कहा कि जिले में करीब करीब 28 से 30 हजार बच्चों को रोटा वायरस का टीका दिया जाना है। उन्होंने कहा कि पलामू जिले में 60 हजार से अधिक रोटा वायरस वायल की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में रोटा वायरस का टीका उपलब्ध नहीं रहने के कारण जिला में आपूर्ति नहीं हो सका है। पहले बच्चों को रोटा वायरस का एक डोज टीका दिया जाता था,परंतु अब बच्चों को रोटा वायरस को दो डोज दिया जाना है। बच्चों को रोटा वायरस का टीका 14 महीने के अंदर दो डोज देना है। उन्होंने कहा कि रोटावायरस टीका बच्चे को दस्त, लूज मोशन, डायरिया और अन्य गैस जैसी समस्या से बचाने में मदद करता है। बच्चों को होने वाले दस्त और निर्जलीकरण को बचाने के लिए रोटा वायरस दिया जाता है। इसमें बुखार और उल्टी भी शामिल है। रोटा वायरस टीका बच्चों के इम्यूनिटी पावर को बढ़ाता है साथ ही बच्चों को डिहाइड्रेटड होने से बचाव करता है। उन्होंने कहा कि एक वायल में दो बच्चों को टीका पड़ता है।
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