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एनपीयू कैंपस निर्माण तय समय पर पूरा होना हुआ अंसभव, आठ जुलाई को पूरा करना था काम

एनपीयू 11 सालों से भाड़े के भवन में संचालित हो रहा है। 9 जुलाई 2018 में जीएलए कॉलेज परिसर में एक अरब 16 करोड़ की लागत से 25 एकड़ भूमि पर एनपीयू कैंपस का निर्माण प्रारंभ हुआ जो आठ जुलाई 2020 में सारा...

एनपीयू कैंपस निर्माण तय समय पर पूरा होना हुआ अंसभव, आठ जुलाई को पूरा करना था काम
हिन्दुस्तान टीम,पलामूFri, 05 Jun 2020 02:17 AM
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एनपीयू 11 सालों से भाड़े के भवन में संचालित हो रहा है। 9 जुलाई 2018 में जीएलए कॉलेज परिसर में एक अरब 16 करोड़ की लागत से 25 एकड़ भूमि पर एनपीयू कैंपस का निर्माण प्रारंभ हुआ जो आठ जुलाई 2020 में सारा काम पूरा कर देना है, परंतु लॉक डाउन के कारण निर्माण कार्य की रफ्तार धीमी हो गई है। पहले फेज में सेंट्रल लाईब्रेरी 18 माह में पूरा कर देना था, परंतु नहीं हो सका है। एनपीयू के सीसीडीसी डॉ अरविंद कुमार पांडेय ने बताया कि वर्तमान समय में एक मात्र सेंट्रल लाईब्रेरी ब्लॉक फाईनल फिनिंसिंग स्टेज में है। किंतु फिनिसिंग होने में दो से ढाई माह लगेगा। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन के कार्य प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि लाईब्रेरी ब्लॉक के अलावे एकेडमिक ब्लॉक, प्रशासनिक भवन का निर्माण कार्य चल रहा है। दोनों ब्लॉकों में 40 से 50 प्रतिशत काम ही पूरा हो सका है। इसके अलावे वहां पर वीसी रेसिडेंस का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है, जिसका पिलिंथ कार्य पूरा चुका है। नये कुलपति ने निर्माणाधीन कैंपस का किया निरीक्षण : एनपीयू के नये वीसी प्रो. डॉ राम लखन सिंह ने योगदान देने के बाद निर्माण कैंपस का निरीक्षण भी किया और निर्माण कार्य को प्राथमिकता सूची में रखा है ताकि जल्द एनपीयू भाड़े के भवन की जगह अपने कैंपस में संचालित हो सके। एनपीयू परिसर का निर्माण झारखंड राज्य भवन कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन के द्वारा किया जा रहा है। कंस्ट्रक्शन का टेंडर कॉरपोरेशन की ओर से मेसर्स छाबरा कंस्ट्रक्शन कोलकाता को दिया गया है। एनपीयू परिसर के आर्किटेट आरकॉप नई दिल्ली ने तैयार किया है। संभावना जताया जा रहा है कि सेंट्रल लाईब्रेरी फिनिसिंग हो जाने पर एनपीयू भाड़े के भवन से निकलकर लाइेब्रेरी भवन में परिसर में शिफ्ट कर जाएगा। रास्ते को लेकर ग्रामीणों का है विवाद : सीसीडीसी डॉ एके पांडेय ने कहा कि जिस स्थल पर एनपीयू का परिसर निर्माणाधीन है, उसके बीच से गुरियाही जाने का रास्ता है। गुरियाही के ग्रामीणों ने रास्ते को लेकर बीच-बीच में काम को रोक देते हैं। इस कारण भी निर्माण कार्य में विलंब हो रहा है। जबकि सरकार द्वारा निर्माणाधीन परिसर के बगल से गुरियाही के ग्रामीणों को रास्ता दिया गया है,परंतु गुरियाही के ग्रामीण बीच रास्ते पर ही अड़िग हैं। उन्होंने गुरियाही के ग्रामीणों से भी आग्रह किया है कि एनपीयू के निर्माण कार्य में सहयोग करें,ताकि समय पर एनपीयू का निर्माण कार्य पूर्ण हो सके और विद्यार्थियों का अपना परिसर का सपना पूरा हो सके।

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