नीलांबर पीतांबर यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में बगैर शिक्षक के चल रहे हैं आठ से अधिक विभाग
पलामू के नीलांबर पीतांबर यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में बगैर शिक्षक के कई विभाग चल रहे हैं। एनपीयू के प्रिमियर संस्थान जीएलए कॉलेज में भी लंबे समय से...
मेदिनीनगर। संवाददाता
पलामू के नीलांबर पीतांबर यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में बगैर शिक्षक के कई विभाग चल रहे हैं। एनपीयू के प्रिमियर संस्थान जीएलए कॉलेज में भी लंबे समय से मनोविज्ञान विभाग बिना शिक्षक के संचालित होता रहा। बैकलॉक से नियुक्ति के बाद एक शिक्षक मनोविज्ञान विभाग को मिल सका है। जनता शिवरात्रि कॉलेज में राजनीति विज्ञान व हिन्दी विभाग में एक भी शिक्षक नहीं हैं जबकि एनपीयू के एकमात्र महिला कॉलेज वाईएसएनएम कॉलेज में गणित और भौतिकी जैसे महत्वपूर्ण विभाग बिना शिक्षक के संचालित हो रहे हैं। गढ़वा स्थित एनपीयू के अंगीभूत कॉलेज एसएसजेएस कॉलेज में अंग्रेजी, वनष्पति विज्ञान, भौतिकी और भूगर्भ विभाग विभाग का संचालन बगैर शिक्षक के संचालित हो रहा है। इसके अलावा मनिका में स्थित सरकारी डिग्री कॉलेज में भी एक भी शिक्षक की पदस्थापना अबतक नहीं हो पायी है। शिक्षक की नियुक्ति के अभाव में छतरपुर में बनकर तैयार सरकारी डिग्री कॉलेज के बेहतरीन कैंपस को कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है।
एनपीयू के कुलपति प्रो. (डॉ.) रामलखन सिंह ने भी स्वीकार किया शिक्षकों की घोर कमी से विश्वविद्यालय जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि यह सच है कि एनपीयू के कॉलेजों में कई विभाग बगैर शिक्षक के संचालित हो रहे हैं। इससे गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। परंतु उन्होंने जोड़ा कि इस गंभीर विषयों को वे लगातार कुलाधिपति के साथ होने वाली बैठकों में उठा रहे हैं। साथ ही सकारात्मक आश्वासन भी मिला है। परंतु जबतक शिक्षक मिल नहीं जा रहे हैं तबतक गुणवतायुक्त शिक्षण संभव बनाने में परेशानी हो रही है।
एनपीयू में अकादमिक कार्यो के लिए कभी प्राध्यापक नहीं : पूरे विश्वविद्यालय में अकादमिक कार्य के लिए एक अदद प्रोफेसर कार्यरत नहीं है। अब सेवा में मात्र दो शेष रह गये एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राकेश कुमार और डॉ. एके पांडेय फिलवक्त एनपीयू में रजिस्ट्रार व सीसीडीसी का कार्य संभाल रहे हैं। एनपीयू के अधिनस्थ पांच कॉलेजों में केवल एसिस्टेंट प्रोफेसर एकेडमिक कार्यो का संचालन स्नात्तक व स्नात्तक कक्षाओं में कर रहे हैं। 12 साल की यात्रा पूरी कर चुकी एनपीयू में अबतक एक अदद प्राध्यापक व गैर शिक्षकीय कर्मी की नियुक्ति नहीं हो सकी है। कॉलेजों से कर्मियों की स्थानांतरण व पदस्थापना कर विश्वविद्यालय को संचालित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसका काफी बुरा असर एनपीयू से पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों की गुणवता पर पड़ रहा है। दु:खद पहलु यह है कि पलामू के जनप्रतिनिधि भी इस गंभीर पहलु पर मौन साधे चले आ रहे हैं परिणामत: कार्यरत प्राध्यापकों के उत्साह में भी कमी आ रही है। कई सहायक प्राध्यापकों ने कहा कि प्रावधान के अनुसार 20 साल पहले उन्हें एसोसिएट प्रोफेसर में पदोन्नति मिल जानी चाहिए थी परंतु बार-बार अनुरोध के बावजूद एनपीयू में उनकी संचिका दबी पड़ी हुई है। दूसरी तरफ दूसरे विश्वविद्यालयों में स्थानांतरित होकर गये लोगों को तत्काल पदोन्नति मिल गई।
शिक्षकों के आधे से अधिक पद हैं रिक्त : एनपीयू के मनिका स्थित कॉलेज में एक भी शिक्षक नहीं है। परंतु जीएलए कॉलेज, जेएस कॉलेज, वाईएसएनएम कॉलेज व एसएसजेएस कॉलेज में भी शिक्षकों के आधे से अधिक पद रिक्त हैं। जीएलए कॉलेज में फिलवक्त 45 शिक्षक कार्यरत हैं जबकि 45 से अधिक पद रिक्त है। एसएसजेएस कॉलेज में 35 शिक्षक कार्यरत हैं जबकि शिक्षकों का कुल स्वीकृत पद 117 है। यही हालत जेएस कॉलेज व वाईएसएनएम महिला कॉलेज का है। सभी कॉलेजों में सेमेस्टर सिस्टम से पढ़ाई यूजी व पीजी दोनों स्तर पर प्रारंभ हैं। इससे एकेडमिक कार्य बढ़ गये हैं परंतु शिक्षकों की कमी के कारण केवल कोरम पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।