एक सप्ताह में दुरुस्त करें अस्पताल वरना होगी कार्रवाई : वित्त मंत्री
पलामू प्रमंडल के मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने निर्देश दिए। उन्होंने ड्यूटी पर लापरवाही और मरीजों के शोषण के मामलों की जांच करने का...
मेदिनीनगर, संवाददाता। पलामू प्रमंडल के सबसे बड़े अस्पताल मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज अस्पताल की सामान्य व्यवस्था एक सप्ताह में दुरुस्त करने का निर्देश प्रदेश के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने शनिवार को दी। उन्होंने कहा कि वे पुन: अगले सप्ताह में एमआरएमसीएच की व्यवस्थाओं की जांच करेंगे। उन्होंने चिकित्सक से लेकर स्टाफ सभी को निर्धारित पोशाक और नेमप्लेट के साथ ड्यूटी करने का निर्देश दिया। साथ ही अधीक्षक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि अगली बार आने पर अगर ड्यूटी में लापरवाही मिली तो सीधे विभागीय कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि अस्पताल को दुकान बनाने धंधा तत्काल बंद कीजिए। प्रदेश के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने शनिवार को मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के साथ एमआरएमसीएच का निरीक्षण किया। इस क्रम में स्पष्ट रूप से सामने आई कि ऑपरेशन के लिए 15 से 20 हजार रुपये वसूल किए जा रहे हैं। आयुष्मान भारत योजना के कार्डधारकों को नि:शुल्क इलाज अस्पताल में नहीं हो पा रहा है। अस्पताल के ड्रेसिंग रूम से लेकर वार्ड तक गंदगी का भरमार है। इस गतिविधि में अस्पताल के कर्मी और दलाल दोनों शामिल हैं। अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ संजय कुमार ने मंत्री और प्राचार्य के समक्ष स्वीकार किया कि एमआरएमसीएच में दलाल अब भी सक्रिय हैं तो मरीजों को दिग्भ्रमित कर उनका शोषण करते-कराते हैं।
निरीक्षण के दौरान मंत्री ने बरवाडीह(लातेहार) के पोखरी गांव की बुजुर्ग महिला सोगरा बीवी के टूटे पैर की ड्रेसिंग के बाद उसमें रस्सी बांधा हुआ पाया गया। परिजन ने बताया कि ऑपरेशन के लिए उनके 15 हजार रुपये की मांग की गई है। मेदिनीनगर के हनुमान नगर की महिला सबिता देवी ने मंत्री को बताया कि ऑपरेशन का सामान के लिए उसे एक नंबर उपलब्ध कराया गया जिसपर कॉल करने पर सामान के लिए 15 हजार रुपये का भुगतान करने की मांग की गई जबकि उसके पास आयुष्मान भारत का कार्ड है। सर्जरी वार्ड में लाए गए छतरपुर के एक मरीज के परिजनों को खुद गर्म पानी लाकर सर्जरी करने को आन डयृटी स्टाफ ने कहा। जब मंत्री ने उससे पूछताछ की तो उसने झूठ बोला कि सर्जरी कर दी गई है जबकि उसके पहले मंत्री खुद मरीज की हालत देखे। निरीक्षण के दौरान मंत्री से करीब आधा दर्जन परिजनों ने शिकायत की। मंत्री ने सर्जरी वार्ड, ऑर्थो वार्ड, मेडिसीन ओपीडी, इमरजेंसी वार्ड आदि का निरीक्षण किया।
इस क्रम में मंत्री ने बताया कि मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज का दो एक्सटेंशन के बावजूद अबतक निर्माण कार्य संबंधित एजेंसी ने पूरा नहीं कर सका है। औचक निरीक्षण के पहले उन्होंने संबंधित विषय की समीक्षा की और निर्माण एजेंसी को निर्देश दिया है कि इमरजेंसी और ओपीडी से संबंधित भवन शीघ्र उपलब्ध कराएं ताकि संबंधित सेवा बहाल की जाए। निर्माण एजेंसी ने अप्रैल-25 तक इमरजेंसी और ओपीडी भवन उपलब्ध कराने की बात कही है। मेडिकल कॉलेज के अस्पताल भवन का निर्माण 2019 में शुरू हुआ है। 430 करोड़ 29 लाख की भवन का निर्माण 30 महीने में पूरा करना था। अर्थात 2022 में निर्माण पूरा हो जाना था। 2024 के अप्रैल में पहली एक्सटेंशन दिया गया था। दूसरे एक्सटेंशन के बद काम दिसंबर-2025 में पूरा करना है। अभी तक 57 प्रतिशत ही काम हो पाया है। मंत्री ने पाया कि विभिन्न विभागों के ओपीडी के लिए पांच करोड़ रुपये भी पड़ा हुआ है परंतु स्वीकृति के अभाव में उस राशि का उपयोग मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य नहीं कर पा रहे हैं। निरीक्षण के दौरान मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, प्रभारी अधीक्षक डॉ संजय कुमार आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
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