Hindi Newsझारखंड न्यूज़पलामूLow sowing of arhar and sesame in Palamu district due to less rainfall

पलामू में दलहन-तिलहन का आच्छादन रह गया 50 प्रतिशत से नीचे

पलामू जिले में जून-जुलाई में कम बारिश के कारण अरहर और तिल की कमी बढ़ी है, जिससे अब उनकी फसल लगाने का समय निकल चुका है। इससे आने वाले दिनों में अरहर और तिल की कमी की आशंका है।

पलामू में दलहन-तिलहन का आच्छादन रह गया 50 प्रतिशत से नीचे
Newswrap हिन्दुस्तान, पलामूWed, 7 Aug 2024 06:18 PM
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मेदिनीनगर, प्रतिनिधि। पलामू में दलहन-तिलहन का आच्छादन लक्ष्य का 50% भी नहीं हो सका है। पलामू जिला का अरहर और तिल की मांग बिहार के आम परिवारों के साथ-साथ कई राजनेताओं के परिवारों तक रहा है। परंतु जून-जुलाई में कम बारिश के कारण अरहर और तिल का आच्छादन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। दोनों की फसल लगाने का समय भी अब निकल चुका है। इससे आने वाले दिनों में अरहर और तिल की कमी पलामू में रहने की आशंका बढ़ गई है। पलामू जिला कृषि पदाधिकारी दीपक कुमार अगस्त के पहले सप्ताह तक पलामू जिले में अरहर की फसल लक्ष्य का महज 64.15 प्रतिशत जमीन में लगाया जा सका है। इस वर्ष 34 हजार हेक्टेयर में अरहर की फसल लगाने का लक्ष्य था। अन्य दलहन फसल में उरद का आच्छादन लक्ष्य का महज 26.35 प्रतिशत हो पाया है। इसी प्रकार मूंग का आच्छादन 11.07 प्रतिशत, कुल्थी का आच्छादन 0.64 प्रतिशत हो पाया है। लक्ष्य का कुल 49.28 प्रतिशत आच्छादन दलहन का हुआ है। पलामू में धान की फसल से 800 हेक्टेयर अधिक अर्थात 51800 हेक्टेयर में दलहन की फसल लगाने का लक्ष्य इस वर्ष तय किया गया था।

इसी प्रकार पलामू तिल का आच्छादन भी महज 63.74 प्रतिशत ही हो पाया है। तिल की फसल 600 हेक्टेयर में लगाने का लक्ष्य था। मूंगफली 1500 हेक्टेयर में लगाने का लक्ष्य था परंतु अबतक लक्ष्य का 40.49 प्रतिशत आच्छादन हो पाया है। अन्य तिलहन यथा सोयाबीन, सूर्यमुखी, सरगुजा, अण्डी का आच्छादन शून्य प्रतिशत हुआ है। पलामू जिले में तिलहन का आच्छादन 2387 हेक्टेयर में लगाने का लक्ष्य था परंतु आच्छादन 994 हेक्टेयर में हो पाया है जो लक्ष्य का महज 41.66 प्रतिशत है। हालांकि जिन किसानों ने समय से दलहन और तिलहन का आच्छादन कर दिया है उनकी फसल बढ़िया ग्रोथ ले रहा है।

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