मेदिनीनगर। प्रतिनिधि
इप्टा और प्रलेस ने संयुक्त रूप से सफदर हाशमी का शहादत दिवस संकल्प सभा का आयोजन किया। श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सफदर हाशमी ने अपने नाटकों, गीतों, कहानियां और विचारों से पूरी जिंदगी सड़कों को आबाद करते रहे और देश की जनता को अपने हक व अधिकार की खातिर एकजुट करते रहे। जीवन की अपनी इसी प्रक्रिया के दौरान आजाद भारत में एक जनवरी 1989 को अपने दल के साथ गाजियाबाद के चौराहे पर हल्ला बोल नामक नाटक करते हुए अपनी शहादत दी। सफदर हाशमी दल के अपने साथियों को बचाते हुए बुरी तरह से घायल हो गए। सफदर हाशमी को अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन दो जनवरी को शहीद हो गए। उनके साथ एक दर्शक रामबहादुर जो एक मजदूर थे गुंडों से लड़ते हुए रंग स्थल पर ही शहीद हो गए। सड़कों को आबाद रखने की प्रक्रिया जारी रखना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। संकल्प सभा में केडी सिंह, नंदलाल सिंह, शब्बीर अहमद, युगल पाल, गौतम चटर्जी, एमजे अजहर, निषाद खान, राजीव रंजन, उपेंद्र कुमार मिश्र आदि अपने-अपने विचारों को रखा। मौके पर आयुष प्रकाश, प्रांजल मिश्रा, अनुभव मिश्रा, आकाश कुमार, अभय मिश्रा, अजीत कुमार, शशि पांडेय, समरेश सिंह समेत कई लोग उपस्थित थे।