एनपीयू के परीक्षा विभाग में बीएड सत्र 2017-19 फाईनल ईयर परीक्षा परिणाम में हुई गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट 19 मार्च को होने वाली सिंडिकेट बैठक में रखा जा सकता है। सात मार्च को जांच रिपोर्ट एनपीयू प्रशासन ने खोला है,परंतु अब तक सार्वजनिक नहीं होने पर कई सवाल भी खड़ा होने लगा है। एनपीयू प्रशासन जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने से क्यों परहेज कर रही है? आप्सू के कार्यकारी अध्यक्ष अभिषेक मिश्रा ने एनपीयू प्रशासन से शिकायत की थी कि 11 विद्यार्थी जारी रिजल्ट में फेल थे, बाद में परीक्षा नियंत्रक और कंप्यूटर सेंटर के कर्मियों के मिली भगत से अंकों में हेरफेर कर पास किया गया है। इस शिकायत पर एनपीयू के वीसी प्रो. डॉ सत्येन्द्र नारायण सिंह ने चार सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर जांच करायी है। जांच कमेटी के अध्यक्ष सोसल साइंस डीन डॉ अनीता सिन्हा, सचिव एनपीयू के प्रोक्टर डॉ विभेष चौबे के अलावे सदस्य के रूप में डॉ कैलाश उरांव और डॉ विमल सिंह थे। जांच समिति ने एनपीयू प्रशासन को जांच रिपोर्ट 27 फरवरी को ही सौंप दिया था। सात मार्च को जांच रिपोर्ट खोला गया है,परंतु अब तक एनपीयू प्रशासन द्वारा सार्वजनिक नहीं किया गया है। जांच रिपोर्ट को 16 मार्च को होने वाले परीक्षा समिति की बैठक में रखने की बात वीसी द्वारा कही जा रही थी,परंतु 16 मार्च को परीक्षा समिति की बैठक नहीं हो सकी। अब संभावना जताया जा रहा है कि जांच रिपोर्ट को 19 मार्च को होने वाली सिंडिकेट बैठक में रखा जाएगा और गड़बड़ी होने वाले संबंधित दोषियों पर कार्रवाई भी तय की जाएगी।19 तक रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुआ तो होगा उग्र आंदोलन : बीएड परीक्षा परिणाम में हुए गड़बड़ी की शिकायतकर्ता सह आप्सू के कार्यकारी अध्यक्ष अभिषेक मिश्रा ने एनपीयू के कुलसचिव को मांग पत्र सौंपा। मांग पत्र में कहा है कि जांच रिपोर्ट आए 15 दिनों से अधिक समय हो चुका है,परंतु अभी तक न तो जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की गई और न ही दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की जा सकी है। यदि 19 मार्च तक जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। जिसकी सारी जवाबदेही एनपीयू प्रशासन की होगी।
अगली स्टोरी