Hindi NewsJharkhand NewsPalamu NewsIncreasing Drowning Deaths in Palamu During Monsoon 9 Lives Lost in June 2025

पलामू नदी, तालाब व डैम में डूबने से जून में हुई नौ मौत

संक्षेप: पलामू में मानसून के दौरान डूबने से मौतों की संख्या बढ़ रही है। जून 2025 में नौ लोगों की डूबने से मौत हुई है, जिनमें युवक, किशोर और स्कूली बच्चे शामिल हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने चेतावनी और...

Thu, 3 July 2025 01:00 AMNewswrap हिन्दुस्तान, पलामू
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पलामू नदी, तालाब व डैम में डूबने से जून में हुई नौ मौत

मेदिनीनगर, प्रतिनिधि। बरसात आते ही पलामू में नदी,तालाब व डैम में डूबने से मौत के मामले बढ़ने लगे हैं। पिछले माह जून में जिले के विभिन्न नदी, तालाब व डैम में डूबने से नौ लोगों की मौत हो गई है। जबकि वित्तीय वर्ष 2025-26 में जिले में डूबने से पांच मौत हुई थी। इस बार अभी तक पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में चार लोग अधिक लोगों की मौत डूबने से हो गई है। अभी पूरा बरसात बाकी ही है। जून 2025 में जून नौ लोगों की मौत हुई है, उसमें युवक, किशोर और स्कूली बच्चे शामिल हैं। जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी जयराम सिंह यादव ने कहा कि पलामू जिले में किसी भी नदी, तालाब, डैम में चेतावनी या सावधानी संबंधित बोर्ड नहीं लगे हैं।

परंतु सभी अंचलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में जहां पर तालाब, डैम,नदी है उस क्षेत्र में सावधानी बरतने संबंधित प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि जून-2025 में हुसैनाबाद में एक,मोहम्मदगंज में एक, सदर प्रखंड मेदिनीनगर में तीन, पांकी में दो, चैनपुर में एक और पाटन प्रखंड में एक लोगों की मौत डूबने से हुई है। पाटन में अर्जुन भुईयां, चैनपुर में 26 वर्षीय ममता देवी, पांकी में राकेश मोची, 12 वर्षीय समीर अंसारी, सदर प्रखंड में 12 वर्षीय अर्पित राज दुबे, 10 वर्षीय आरव तिवारी, 22 वर्षीय राकेश कुमार तिवारी, 44 वर्षीय मोहम्मदगंज में ओम प्रकाश चंद्रवंशी और हुसैनाबाद में साकीब अंसारी की मौत डूबने से हुई है। उन्होंने कहा कि हुसैनाबाद में केवल गोताखोर की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि डूबने से मौत होने पर आपदा प्रबंधन की ओर से सारी प्रक्रिया पूरी करने पर मुआवजा के रूप में चार लाख रुपए पीड़ित परिजनों को दिया जाता है। ग्रामीण क्षेत्र के कई स्कूलों में चाहरदीवारी नहीं होने से भी भयभीत रहते हैं शिक्षक : ग्रामीण क्षेत्रों के बहुत सारे स्कूलों में चाहरदीवारी नहीं होने के कारण शिक्षक खासकर बरसात के दिनों में हमेशा भयभीत रहते हैं। चाहरदीवारी नहीं होने के कारण स्कूल बच्चे बिना कुछ कहे स्कूल के बाहर निकल जाते हैं। इस कारण शिक्षक को बच्चों पर विशेष निगरानी रखनी पड़ती है। शिक्षकों को बरसात के अलावे वैसे स्कूल जो सड़क किनारे अवस्थित है,परंतु चाहरदीवारी का अभाव है, सड़कों पर सरपट दौड़ती वाहनों के कारण भी बच्चों के दुर्घटना होने की संभावना बनती रहती है। 22 जून को शहर के रेड़मा क्षेत्र में दो स्कूली बच्चों को डूबने से हुई थी मौत : शहर के रांची रोड दशगात्र मंडल के पास रहने वाले आनंद दुबे के पुत्र अर्पित राज दुबे और बेलवाटिका निवासी अनुराग तिवारी के पुत्र आरो तिवारी को पास के आहर में डूबने से मौत हो गई थी। दोनों बच्चे आपस में मौसेरा भाई था। दोनों बिना अभिभावकों को बताये घर से निकल गए थे। शाम तक जब दोनों बच्चे देर रात तक घर नहीं लौटे थे,तो परिजन दोनों बच्चों को खोजनबीन करने लगे। दोनों का कपड़े आहर के किनारे मिले। इसके बाद दोनों की आहर से शव को निकाला गया था।