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देश के आर्थिक मजबूती के लिए जीएसटी जरूरी

चंद्रा रेसिडेंसी कैंपस में रविवार को जीएसटी पर एक दिनी संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का आयोजन एनपीयू स्नातकोत्तर वाणिज्य विभाग की ओर से आयोजित की गई। उदघाटन मुख्य अतिथि सह सांसद बीडी राम ने...

देश के आर्थिक मजबूती के लिए जीएसटी जरूरी
हिन्दुस्तान टीम,पलामूSun, 03 Dec 2017 11:32 PM
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चंद्रा रेसिडेंसी कैंपस में रविवार को जीएसटी पर एक दिनी संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का आयोजन एनपीयू स्नातकोत्तर वाणिज्य विभाग की ओर से आयोजित की गई। उदघाटन मुख्य अतिथि सह सांसद बीडी राम ने संगोष्ठी के प्रेरक सह झारखंड सरकार के मुख्य सचेतक सह एनपीयू अधिषद् सदस्य राधा कृष्ण किशोर, विशिष्ट अतिथि सह मेदिनीगर विधायक आलोक चौरसिया, मुख्य वक्ता संजय सिंह, एनपीयू के वीसी प्रो. (डॉ) सत्येन्द्र नारायण सिंह, संत जेवियर्स कॉलेज रांची के प्राध्यापक डॉ अरूण कुमार सिन्हा, चार्टर्ड एकाउंटेंट प्रवीण शर्मा, कुणाल घेलानी, डॉ कमल कुमार बोस, चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष आनंद शंकर, रजिस्ट्रार डॉ राकेश कुमार आदि ने संयुक्त रूप से किया। मुख्य अतिथि सह सांसद ने मौके पर कहा कि वस्तु और सेवा कर से कोई अछुता नहीं है। सरकार ने सभी करों को एक कर जीएसटी लागू किया है। देश के आर्थिक मजबूती में जीएसटी की महत्पूर्ण भूमिका होगी। इसके बारे में कुछ लोगों द्वारा जो भ्रांतियां फैलायी जा रही है, ऐसी लोगों को भ्रांतियों से बचने की जरूरत है। उन्होंने कहा वे मानते है कि जीएसटी लागू करने के लिए पर्याप्त तैयारियां नहीं हो सकी, परंतु इसमें जो दिक्कतों का सामना छोटे और मंझौले उद्योग संचालकों को हो रही है, उसके निदान के लिए नेशनल कॉसिंल का गठन किया किया गया है। विधायक राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि जीएसटी के पूर्व पहले व्यवसायियों पर भारत सरकार के द्वारा प्रत्यक्ष सात और राज्य सरकार के द्वारा 10 कर लगाये जाते थे, परंतु जीएसटी लागू हो जाने से मात्र व्यवसायियों को इससे फायदा ही है। जीएसटी लागू होने के बाद केन्द्र और राज्य दोनों को एक साथ वस्तुओं एवं सेवाओं पर कर लगाने का संवैधानिक अधिकार प्राप्त हो यगा है। अब एक देश, एक कर लागू किया गया है। जीएसटी से पूरे देश में वस्तुओं एवं सेवाओं की बिक्री पर टैक्स रेट एक समान निर्धारित की गई है। सरकार ने 177 उत्पादों पर जिसका रेट ऑफ टैक्स 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया है। मुख्य वक्ता संजय सिंह ने कहा कि जीएसटी अभी परेशानी नजर आ रही है,परंतु देश के आर्थिक स्वालंबन में यह काफी मददगार साबित होगा। ना सझमी के कारण व्यवसायी इसे बोझ समझ रहें,परंतु इससे व्यवसायियों को ही फायदा होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वीसी प्रो. (डॉ) सिंह ने कहा कि वस्तु और सेवा कर पर लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से टैक्स देते रहे हैं। इसमें जो खामियां है उसमें सरकार सुधार कर रही है। इस मौके पर शहर के व्यवसायी, शिक्षक, पीजी डिपार्टमेंट के काफी संख्या में विद्यार्थी शामिल थे।

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एनपीयू स्नातकोत्तर वाणिज्य विभाग ने आयोजित किया जीएसटी पर संगोष्ठी

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