गोपाष्टमी पर लोगों ने किया तुलादान, पूजी गईं गोमाता
पाकुड़। श्रीगोपाल गोशाला में मंगलवार को गोपाष्टमी महोत्सव का आयोजन किया गया। गोपाष्टमी पर गोशाला परिसर स्थित मंदिर में गोवर्धन भगवान श्रीकृष्ण का...
पाकुड़। श्रीगोपाल गोशाला में मंगलवार को गोपाष्टमी महोत्सव का आयोजन किया गया। गोपाष्टमी पर गोशाला परिसर स्थित मंदिर में गोवर्धन भगवान श्रीकृष्ण का वैदिक परंपरा से पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद गोशाला में गो माताओं की पूजा-अर्चना हुई। पूजा समाप्ति के बाद गौग्रास, तुलादान, फल दान सहित कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसके अलावा गोशाला में गोमाताओं का भंडारा किया गया। सभी गायों को फल, प्रसाद, साग आदि खिलाया गया। इसके अलावा भजन-कीर्तन व प्रवचन का भी आयोजन हुआ। पौराणिक मान्यता है कि गोमाता को पृथ्वी पर साक्षात देवी के समान माना जाता है। कहा जाता है कि गाय के देह में समस्त देवी-देवताओं का वास है। इसलिए गो पूजन से सभी देवता प्रसन्न होते हैं। गोपाष्टमी के दिन ग्वालों को दान करना चाहिए। गाय को हरा चारा एवं गुड़ खिलाना चाहिए। गोपाष्टमी के दिन गाय के नीचे से निकलने से पुण्य प्राप्त होता है। वैतरणी पार करने के लिए गोदान का महत्व बताया गया है। गो-माता जिस जगह खड़ी रहकर आनंदपूर्वक चैन की सांस लेती है, उस जगह से सारे वास्तु दोष दूर हो जाते हैं। काली गाय की पूजा करने से नौ ग्रह शांत होता है। पूजा समाप्ति के बाद लोगों के बीच प्रसाद वितरण किया गया। इस मौके पर सत्यनारायण अग्रवाल, बिनोद टेबड़ीवाल, दीनानाथ ऐलानी, निर्मल जैन सहित अन्य मौजूद थे।
