दाखिल खारिज के 654 मामले लंबित
ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होने के बाद भी दाखिल खारिज के 654 मामले लंबित हैं। दाखिल खारिज कराने वाले लोग आफिस का चक्कर लगाकर थक गए हैं। गौरतलब हो कि जिले में एक दिसम्बर 2017 को ऑनलाइन दाखिल खारिज आवेदन की...
ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होने के बाद भी दाखिल खारिज के 654 मामले लंबित हैं। दाखिल खारिज कराने वाले लोग आफिस का चक्कर लगाकर थक गए हैं। गौरतलब हो कि जिले में एक दिसम्बर 2017 को ऑनलाइन दाखिल खारिज आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई थी।अब तक 734 ऑनलाइन आवेदन भी हो गए, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी कार्यालय के स्तर से आवेदन की स्वीकृति नहीं मिल पाई है। नियमानुसार न्यूनतम 18 दिन और अधिकतम किसी तरह आपत्ति रहने पर 60 दिनों का समय निर्धारित है। हालांकि पाकुड़ प्रखंड में 20 दाखिल खारिज किया गया, जबकि 58 केस रिजेक्ट किया गया। वही लिट्टीपाड़ा में दो केस रिजेक्ट है। जिला कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अमड़ापाड़ा प्रखंड में 1,पाकुड़ सदर में 655,पाकुड़िया में 1,महेशपुर में 13,लिट्टीपाड़ा में 4 एवं हिरणपुर में 60 दाखिल खरिज के मामले लंबित पड़े है। जबकि पिछले एक माह के दौरान 198 बिना आपत्ति प्राप्त है।
भटक रहे हैं दाखिल खारिज कराने वाले : सरकार के निर्देश के बाद दाखिल खारिज सहित सभी दस्तावेज ऑनलाइन कर दिए गए हैं। परंतु जिस तरह सर्वर डाउन चल रहा ऐसे में लोग परेशान हो रहे हैं। पिछले महीने से लोग अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, परंतु अंचल कर्मी व अंचलाधिकारी सर्वर डाउन या अपलोड नहीं रहने की बात कहकर लोगों को घुमा रहे हैं। कार्यालय के बाबू तकनीकी समस्सया बताकर वापस भेज दे रहे हैं।
अपर समाहर्त्ता ने निदेशक को भेजा पत्र: ऑनलाइन दाखिल खारिज में तकनीकी त्रुटि का निराकरण के लिए अपर समाहर्ता मनोज कुमार ने निदेशक भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय को पत्र लिखकर तकनीकी समस्या दूर करने का आग्रह किया है। अपर समाहर्ता ने पत्र में लिखा है कि अंचलाधिकारी के लॉगिन से नामान्तरण स्वीकृति के पश्चात नया होल्डिंग पंजी टु अपडेट नहीं हो रहा है। प्रधान सहायक के लॉगिन से प्रोसेस नहीं हो रहा है।सीओ और ऑपरेटर लॉगिन से एडिट नहीं हो रहा है। ऐसे में कार्य करने में भारी परेशानी हो रही है।इसी तरह हिरणपुर और पाकुड़िया में अपलोड किया हुआ दस्तावेज नहीं खुल रहा है।