आलू की खेती आजीविका को सुदृढ़ करने का बेहतर माध्यम: राजेश
लोहरदगा में हिंडालको सीएसआर द्वारा 460 सीमांत किसानों और महिला समूहों को बरसाती आलू का वितरण किया गया। बीजों की लगभग 12 हेक्टेयर क्षेत्रफल में खेती के लिए आपूर्ति की गई। राजेश ठाकरे ने कहा कि इस पहल...

लोहरदगा, संवाददाता।हिंडालको सीएसआर, लोहरदगा की ओर से गुरदारी, अमतीपानी, चिरौंडीह, कुंजाम, बिमरला और सेरेंगदाग माइंस क्षेत्र के कुल 460 सीमांत किसानों और महिला समूहों को बरसाती आलू का वितरण किया गया। लगभग 12 हेक्टेयर क्षेत्रफल में खेती के लिए आलू बीज उपलब्ध कराया गया। जिसमें गुरदारी माइंस को 50 क्विंटल, अमाटीपनी को 60 क्विंटल, चिरौंडी को 60 क्विंटल, कुंजाम माइंस को 60, बिमरला में 60, सेरेंगदाग में 60 क्विंटल आलू बीज वितरित किए गए। यह वितरण कार्यक्रम सहायक उपाध्यक्ष (माइंस एंड मिनरल्स) राजेश ठाकरे, लोहरदगा में महाप्रबंधक राजेश रंजन अंबष्ठ, नेतरहाट में सहायक महाप्रबंधक प्रदीप भालेकर की उपस्थिति में हुआ। कार्यक्रम में अजीत सिंह, नागेश वर्मा, मनोज कुमार, अनुज सिंह भी मौजूद रहे।
राजेश ठाकरे ने कहा कि हिंडालको सीएसआर द्वारा दिए जा रहे आलू बीज की खेती से आमदनी बढ़ाएं। इस क्षेत्र के आलू की डिमांड अच्छी है। चयनित किसानों को बरसाती आलू उपलब्ध कराया जा रहा है। कार्यक्रम सीएसआर प्रमुख नीरज कुमार के मार्गदर्शन में वितरित किया गया। उन्होंने बताया कि यहां उत्पादित आलू को उड़ीसा और छत्तीसगढ़ के बाजारों में बेहतर दाम मिलते हैं। जिससे किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। इस अवसर पर बिमरला के खान प्रबंधक किरण शंकर सिंह, कुंजाम खान प्रबंधक प्रदीप कुमार, बंगलापुरी कुमार, शंभू वशिष्ठ सिंह, विद्या सागर सिंह, अखिलेश सिन्हा, योगेंद्र लिलहरे, सहायक प्रबंधक जय प्रकाश सिंह, सीएसआर अधिकारी राम अवतार पासवान, मनोज कुमार चौधरी, राकेश तिवारी, अनिल साहू, दीपक सिंह, अभय भारती उपस्थित रहे। हिंडालको सीएसआर की यह पहल न केवल किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम है, बल्कि स्थानीय आजीविका को सुदृढ़ करने का भी माध्यम है। किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराकर उन्हें बाजार से सीधे जोड़ना, कंपनी की सतत विकास और सामाजिक दायित्व की ओर उन्मुखता को दर्शाता है।
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