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हाथियों के झुंड ने मचाया कोहराम, दहशत में ग्रामीण

लोहरदगा कुड़ू प्रखंड में एक बार फिर जंगली हाथियों के उत्पात से ग्रामीणों में दहशत कायम हो गया है। 16 अगस्त की रात्रि कुड़ू के पश्चिमी क्षेत्र के जंगलवर्ती ग्राम पिलपीलिया और मसूरियाखाड़ में दो बड़े और...

हाथियों के झुंड ने मचाया कोहराम, दहशत में ग्रामीण
हिन्दुस्तान टीम,लोहरदगाSun, 18 Aug 2019 12:43 AM
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लोहरदगा कुड़ू प्रखंड में एक बार फिर जंगली हाथियों के उत्पात से ग्रामीणों में दहशत कायम हो गया है। 16 अगस्त की रात्रि कुड़ू के पश्चिमी क्षेत्र के जंगलवर्ती ग्राम पिलपीलिया और मसूरियाखाड़ में दो बड़े और दो छोटे कुल चार जंगली हाथियों के समूह ने उत्पात मचाते हुए चार लोगों के घरों को ध्वस्त कर दिया। घर में रखे अनाज व अन्य सामान खाकर बर्बाद कर दिया। गजराजों का समूह पहले मसुरियाखाड निवासी बिगन गंझू और जितेंद्र गंझू के घरों को क्षतिग्रस्त करने के बाद पिलपिलिया पहुंचा।

जहां हिरामन मुंडा और दशरथ भुईयां के घरों को क्षतिग्रस्त किया। इस दौरान सभी भुक्तभोगियों के घरों में रखे अनाज व अन्य सामान भी बर्बाद कर दिए। हालांकि हाथियों के कुड़ू क्षेत्र में प्रवेश करने की सूचना वन विभाग को शाम में ही मिल चुकी थी। लोहरदगा जिले के भंडरा प्रखंड में उत्पात मचाने के बाद हाथियों का झुंड रात्रि लगभग नौ बजे चांपी रेलवे लाइन के नजदीक से गुजरा। हाथियों के आने की सूचना के बाद ग्रामीणों में भय व दहशत का माहौल एक बार फिर कायम हो गया। सैकड़ों ग्रामीण मशाल, घंट आदि लेकर हाथियों को खदेड़ने में रात भर लगे रहे। जब हाथी मसूरियाखाड़ और पिलपिलिया में चार लोगों के घरों को ध्वस्त कर रहे थे, इस दौरान वन विभाग की टीम हाथियों को इलाके से खदेड़ने में लगे हुए थे। लेकिन हाथियों को भगाने पहुचे विभाग के लोगों के पास सही लाईट व अन्य सामग्री नहीं होने के कारण, उन्हें ग्रामीणों के कोप का भाजन बनना पड़ा। ग्रामीणों ने मसुरियाखाड में रास्ते में वृक्षारोपण के लिए ट्रेंच गड्डा खोदे जाने का भी विरोध कर आरोप लगाने लगे, कि रास्ता में ट्रेंच होने के कारण हाथियों का समूह जंगल मे न जाकर गांव में प्रवेश कर क्षति पहुंचाएगा। ग्रामीणों ने वन विभाग के लोगों को खरीखोटी सुनाते हुए उनको घेर लिया। लेकिन सूचना के बाद कुडू पुलिस के ऐन वक्त पर पहुंचकर ग्रामीणों को शांत कराया।

पिछले लगभग एक दशक से कुडू प्रखंड के अनेक जंगलवर्ती गांव के लोग जंगली हाथियों के उत्पाद व आतंक से आतंकित है। प्रायः हर साल जंगली हाथियों का झुंड इलाके में प्रवेश कर लोगों के घरों व खेती को भारी नुकसान पहुंचाते रहे हैं। एक बार फिर एलीफेंट रिटर्न को लेकर ग्रामीणों में भय और दहशत कायम हो गया है। ग्रामीण रतजगा करने को मजबूर हैं। इस घटना के बाद भुक्तभोगी परिवार के लोगों ने जिनकी माली हालत काफी दयनीय है, जिनके समक्ष इस भारी बरसात के मौसम में सर छुपाने और खाने की समस्या उत्पन्न हो गई है। वन विभाग से सहायता की गुहार लगाई है। फिलहाल वन समिति के लोगों ने भुक्तभोगी परिवार को एक-दो दिनों का खाने का राशन देकर जल्द ही विभाग से मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया है। वन विभाग ने पीड़ित बिगन गंझू को 17 अगस्त को 25 किलो चावल, दाल, तेल, और घर ढंकने के लिए त्रिपाल की व्यवस्था की।

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