
लगातार बारिश से पेशरार का कलश डूबा पुल बहा
संक्षेप: लोहरदगा जिले के पेशरार प्रखंड में मदनपुर नदी पर बने काडासरना कलश डूबा पुल भारी बारिश में बह गया है, जिससे 400 से अधिक जनजातीय परिवारों का संपर्क कट गया है। यह क्षेत्र नक्सल प्रभावित है और पुल के बहने...
लोहरदगा, संवादाता। झारखंड के लोहरदगा जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पेशरार प्रखंड के मदनपुर नदी में बने काडासरना कलश डूबा पुल भारी बारिश में शुक्रवार को बह गया। इससे इस क्षेत्र में रहने वाले 400 से अधिक जनजातीय परिवारों के ढाई हजार से अधिक परिवारों का संपर्क प्रखंड और जिला मुख्यालय से कट गया है। यह इलाका नक्सल प्रभावित है। यह सड़क लोहरदगा के पेशरार से लातेहार के सरयू को चैनपुर, होन्हे सहेदापाट, केरार, बुलबुल और गोताक होते हुए लातेहार के सरयू जाती है। पेशरार प्रखंड मुख्यालय से करीब ढाई किलोमीटर की दूरी पर स्थित कलश डूबआ पुल के बह जाने से आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

विधि व्यवस्था के दृष्टिकोण से भी इस फूल की अहमियत काफी है। इस क्षेत्र से दुग्गू हाई स्कूल आने वाले विद्यार्थियों को भी परेशानी हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले साल जब पुल बह गया था, तो प्रशासन के लोग यह कहकर अप्रोच रोड श्रमदान और जेसीबी लगाकर कराया था कि इसे प्राथमिकता के आधार पर बनवाया जाएगा। पर पुल नहीं बना और इस बार भी एप्रोच रोड और पुल बह गया। इस इलाके के चैनपुर गांव में पुलिस कैंप है। यह पूरा इलाका नक्सल प्रभावित है। चैनपुर गांव में 70 से अधिक घर है, होन्हे में 60, सहेदापाट में 30, केरार में डेढ़ सौ से अधिक, बुलबुल में 20, और गोताक में करीब 40 घर है। पेशरार प्रखंड मुख्यालय से गोताक की दूरी लगभग 35 किलोमीटर है। ऐसे में इस बड़े क्षेत्र के लोगों का मुख्यालय से पूरी तरह से कट गए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि यह नदी मदनपुर रेमलकोना, जामपानी और सेमरकोना नालो से मिलकर बनी है। आगे जाकर इचुवाटांड में यह बड़े नदी में मिल जाती है।

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