सशक्त समाज और राष्ट्र की चुनौतियां से निपटने की शिक्षा बच्चों के लिए जरूरी--सच्चिदानंद लाल
श्रीहरि वनवासी विकास समिति द्वारा संचालित रामकली देवी सरस्वती शिशु मंदिर का वार्षिकोत्सव-सह- अभिभावक सम्मेलन का आयोजन रविवार को किया गया। मुख्य अत

लोहरदगा, संवाददाता श्रीहरि वनवासी विकास समिति द्वारा संचालित रामकली देवी सरस्वती शिशु मंदिर का वार्षिकोत्सव-सह- अभिभावक सम्मेलन का आयोजन रविवार को किया गया।
मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के झारखंड प्रांत संघ चालक सच्चिदानंद लाल ने कहा कि विद्यालय काफी है। पर शिशु मंदिर में शिक्षा के साथ संस्कार, सेवा, स्नेह प्रेम और मानवीय मूल्यों की शिक्षा दी जाती है। इससे समाज और राष्ट्र से प्रेम करने की भावना प्रबल की जाती है। इससे बच्चे आने वाली चुनौतियों से सफलतापूर्वक निपटते हैं। राष्ट्र निर्माण के लिए सशक्त भाव से खड़े होते हैं।
उन्होंने कहा कि यह विद्यालय डा राज मित्तल द्वारा शुरू किया गया है। उन्होंने बच्चों को संस्कार देने के लिए यह विद्यालय शुरू किया था। वनवासी समाज का कार्य बहुत प्रभावशाली होता है। आज बच्चे धन उपार्जन करने के लिए बाहर जा रहे हैं। बदलते परिवेश में माता-पिता का दायित्व बढ़ गया है उन्हें अपने बच्चों को अच्छी और संस्कार युक्त शिक्षा देने की पहल करनी चाहिए।
प्रांतीय शिक्षा प्रमुख सुभाष चंद्र दुबे ने कहा उन्होंने देशपांडे याद करते हुए कहा शिक्षा के माध्यम से देश को परिवर्तन करने का प्रयास किया। धीरे-धीरे कार्यकर्ता को जोड़ते गए। शिक्षा कायम बढ़ते गए, भारत की आत्मा गांवों से होती है, कुछ करना चाहिए समाज के लिए शिक्षा की गति बढ़ानी होगी। संगठन है, तो हम है, संगठन रहेगा तो हम रहेंगे। तन-मन धन से संगठन का कार्य करें। हमारा कार्य परिणामदायक हो, वार्षिकोत्सव का अर्थ है। हम सालों भर क्या पाया क्या खोया इसकी समीक्षा और प्रकृति कारण करना है। हमें अभिभावक से आदान-प्रदान कर अपने कार्य को और सुचारू रूप से चलने का प्रयास करना चाहिए, शिक्षा का आधार है नैतिकता।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।