पानी की खातिर जलस्रोतों का संरक्षण जरूरी: डीडीसी
गर्मी में पेयजल की समुचित व्यवस्था को लेकर उप विकास आयुक्त दानियल कंडुलना ने जिले के सभी बीडीओ , मुखिया, पंचायत सचिव और पेयजल विभाग के कार्यपालक अभियंता के साथ सोमवार को बैठक की। उन्होंने कहा कि...
गर्मी में पेयजल की समुचित व्यवस्था को लेकर उप विकास आयुक्त दानियल कंडुलना ने जिले के सभी बीडीओ , मुखिया, पंचायत सचिव और पेयजल विभाग के कार्यपालक अभियंता के साथ सोमवार को बैठक की। उन्होंने कहा कि गर्मी दस्तक दे चुकी है। अधिकारी और जनप्रतिनिधि पेयजल की समस्या से निपटने के लिए कमर कस लें। उन्होंने प्रखंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया कि क्षेत्र में सर्वे कराकर बंद पड़े चापाकलों की सूची बनाकर प्रतिवेदन सौंपे। मुखिया एवं जनप्रतिनिधि अपने -अपने क्षेत्रों में पानी के बचाव के लिए जागरूकता लायें। जलस्रोत सीमित हैं इन्हें संरक्षित कर आवश्यक जल की बर्बादी को रोका जा सकता है। विगत कुछ वर्षों से असमय व अनियमित वर्षा का दंश संपूर्ण जिला झेल रहा है। भूगर्भ जलस्तर दिनोंदिन नीचे चला जा रहा है। इसको रोकने का सरल व सही उपाय जल बचाव ही है। साथ ही जिले के जनप्रतिनिधि वैकल्पिक जलस्रोत की संभावनावों पर भी अपना सुझाव दे सकते हैं। जिला प्रशासन इन सुझावों को अमलीजामा पहनाने का भरसक प्रयास करेगी। श्री कंडुलना ने कहा कि पेयजल की समस्या से निबटने के लिए राशि की कोई कमी नहीं हैबंद पड़े चापाकलों की मरम्मति के लिए 14 वें वित में प्राप्त राशि का प्रयोग किया जा सकता है। पेयजल विभाग के कार्यपालक अभियंता श्री रेयाज अहमद को निर्देश दिया है कि वे अपने विभागीय अभियंताओं को बंद पड़े चापाकलों को युद्ध स्तर पर मरम्मति के लिए निर्देश दें। साथ ही शिक्षा विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर वे जिले के प्रत्येक विद्यालयों में हैंडवाश यूनिट की व्यवस्था करें ।