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अपने ही घर में मारे गये दुर्दांत माओवादी शिवलाल व श्रवण यादव

हेरहंज थाना क्षेत्र के सेरेंगदाग जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में पुलिस ने माओवादी के दो बड़े नेता शिवलाल यादव और श्रवण यादव को मार गिराया। दोनों भाकपा माओवादी के सबजोनल कमांडर थे,...

अपने ही घर में मारे गये दुर्दांत माओवादी
 शिवलाल व श्रवण यादव
हिन्दुस्तान टीम,लातेहारThu, 05 Apr 2018 12:32 AM
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लातेहार पुलिस को बुधवार को एक बड़ी सफलता मिली है। हेरहंज थाना क्षेत्र के सेरेंगदाग जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में पुलिस ने माओवादी के दो बड़े नेता शिवलाल यादव और श्रवण यादव को मार गिराया। दोनों भाकपा माओवादी के सबजोनल कमांडर थे, जिस पर सरकार ने पांच पांच लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था।

जवाबी कार्रवाई में धराशायी माओवादी

पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि श्रवण जी और शिवलाल जी अपने दस्ते के साथ इस इलाके में आया है। उसके बाद सीआरपीएफ और जिला बल के जवानों ने पूरे इलाके को घेर लिया। इसी क्रम में अचानक से माओवादियों की तरफ से गोली चलने लगी जवाबी फायरिंग में माओवादी के 5 नक्सली ढेर हो गए।

पहले नक्सली मारते थे घेरकर, अबकी पुलिस ने मारा

हर बार नक्सली ही पुलिस को घेरकर मारती थी। लेकिन इस बार पुलिस ने घेराबंदी कर माओवादियों को उनके ही घर मे घुसकर मार गिराया। सरेंगदाग का जंगल माओवादियों के लिए सेफ जोन माना जाता है क्योंकि यह जंगल काफ़ी घना और डरावना है।

आतंक का पर्याय बन चुके थे दोनों

इस क्षेत्र में दोनों सबजोनल कमांडर की तूती बोलती थी। क्षेत्र में इनका आतंक व्याप्त था। हाल के दिनों में दोनों ने क्षेत्र में लग रही कई मोबाइल टॉवरों को भी उड़ा दिया था। इसके अलावा भी इन के अनुसार जो ठेकेदार काम नहीं करता उन्हें भी यह दोनों भारी नुकसान पहुंचाते थे।

अरविंद जी का शहादत मना कर लौटा था दस्ता

सूत्रों के अनुसार माओवादियों का दस्ता हाल में ही बूढ़ा पहाड़ा से लौट कर अपने क्षेत्र में थे। दोनों बड़े नक्सली नेता अरविंद जी की मौत के बाद उनका शहादत मना कर हेरहंज के जंगलों में आए थे। जिसकी भनक पुलिस को लग गई थी। क्योंकि पुलिस अरविंद के मौत के बाद से ही बूढ़ा पहाड़ आने जाने वालों में कड़ी नजर रखी थी।

एसपी ने जवानों की तारीफ की

एसपी प्रशांत आंनद ने कहा कि इस पूरे अभियान को सफल बनाने में सीआरपीएफ और जिला के जवानों की अहम भूमिका रही, इस सफलता के बाद जवानों में काफी उत्साह का माहौल है।

माओवादियों का गढ़ था सिकिद का जंगल

जिले का सिकिद जंगल माओवादियों का सबसे सेफ जोन समझा जाता था। बुढ़ा पहाड़ पर अड्डा बनाने से पहले माओवादी इसी क्षेत्र में रहते थे। वर्ष 2007 में पुलिस ने इस क्षेत्र से माओवदियों का बंकर बरामद किया था। बंकर में भारी मात्रा में गोली,नक्सली साहित्य समेत अन्य सामाग्री बरामद किया गया था।इस क्षेत्र से माओवादियों के कई ख्ुांखार नक्सली आते थे। अभी भी इस इलाके के कई नक्सली माओवादी संगठन में शामिल हैं।इसके अलावे टीपीसी नक्सली संगठन ने भी इस क्षेत्र को अपना अड्डा बना रखा है।हलांकि सेरेनदाग में पुलिस पिकेट खुलने के बाद उग्रवादी घटनाओं पर अंकुश लग गया था।

बेटी की शादी की तैयारी में आया था शिवलाल

शिवलाल यादव हेरहंज के इनातु गाँव का रहने वाला है। अभी सबजोनल कमांडर था। उसकी बेटी की शादी 19 अप्रैल को होनी है। उसी की तैयारी में व्यस्त था। विगत 4 दिनों से श्रवण और शिवलाल का दस्ता हेरहंज और मनिका के जंगल में देखा जा रहा था। एसपी को सटीक सुचना मिल रही थी। मंगलवार से ही हेरहंज के थाना प्रभारी सनोज चौधरी के नेतृत्व में जिलाबल , डीएसपी रमेंद्र कुमार के नेतृत्व में जगुआर 3 , सीआरपीएफ बी के अश्वनी कुमार सहायक कमांडेंट पंकज कुमार झा सी 11 के अजय त्रिपाठी नक्सलियों की एक एक गतिविधि पर नजर रख रहे थे।

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