ऑडिट के नाम पर शिक्षकों को परेशान करने का आरोप
शिक्षा विभाग में सामाजिक अंकेक्षण बना खिलवाड़, शिक्षकों को बुलाकर किया जा रहा है परेशान।
लातेहार, संवाददाता। लातेहार जिले में शिक्षा विभाग का सामाजिक अंकेक्षण खिलवाड़ बन गया है। ऑडिट के नाम पर शिक्षकों को बेवजह परेशान किया जा रहा है। मालूम की 3 साल का वित्तीय लेखा-जोखा विभाग के द्वारा ऑडिट कराया जाता है। परंतु 2 से 3 बार तिथि रखी गई । इस दौरान अंकेक्षण दल अपने निर्धारित तिथि से कहीं भी नहीं पहुंचे। इधर विद्यालय बंद होने के बाद 2 दिन पहले से ऑडिट टीम पहुंची है। परंतु शिक्षकों तक सूचना नहीं मिलने के कारण शिक्षकों को ही लापरवाह बताया जा रहा है। शुक्रवार को बरवाडीह प्रखंड में ऑडिट करना था। पर यहां भी मात्र 13 विद्यालय में ऑडिट हो पाया। लगभग 100 से अधिक विद्यालय अभी भी ऑडिट से वंचित है। सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि ऑडिट की पारदर्शिता के लिए वीडियो ग्राफी जरूरी है। मगर यह भी नहीं हो पा रहा है। चंदवा प्रखंड में सामाजिक अंकेक्षण अभी शुरू भी नहीं हुई है। लातेहार का भी यही दशा है। सामाजिक अंकेक्षण में खरीदारी का जीएसटी बिल वाउचर भी लेना है। वह भी नहीं लिया जा रहा है। कहां जाए तो मात्र खानापूर्ति हो रही है। उधर शिक्षक छुट्टी के दिनों में भी सामाजिक अंकेक्षण कराने के लिए बीआरसी का चक्कर काट रहे हैं। दूर-दाराज से आने वाले शिक्षक को तो रात में अपनी व्यवस्था के साथ रहना पड़ रहा है। इस संबंध में सामाजिक अंकेक्षण कर रहे ऑडिट शहजाद ने बताया कि लातेहार में 60 विद्यालयों का ऑडिट किया हूं और अभी जारी है। वीडियोग्राफी के संबंधी कुछ नहीं बताया। बिल वाउचर के बारे में बताया कि स्कूल बंद होने के कारण शिक्षक वाउचर और जीएसटी नहीं ला रहे हैं। इस वजह से वाउचर के रूप में सादा कागज में वाउचर और स्कूल का स्टाम्प लिया जा रहा है।
क्या कहते हैं जिला शिक्षा अधीक्षक
इस मामले में जिला शिक्षा अधीक्षक गौतम कुमार ने कहा कि ऑडिट हो रही है और वीडियोग्राफी भी किया जा रहा है। विलंब हुआ है उसे पूरा किया जाएगा।
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