अगस्त क्रांति पर डोमचांच में लोगों ने हाथों में तिरंगा लिए निकाली विशाल तिरंगा यात्रा
डोमचांच में अगस्त क्रांति पर विशाल तिरंगा यात्रा निकाली गई, जिसमें कई स्कूलों के छात्रों और स्थानीय नेताओं ने भाग लिया। यात्रा चंद्रावती स्मारक हाई स्कूल से शुरू होकर विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण किया।...
डोमचांच। अगस्त क्रांति पर शुक्रवार को युवा शक्ति एक नई सोंच द्वारा विशाल तिरंगा यात्रा निकाली गई। इसमें अपने-अपने हाथों में तिरंगा लिए लोग शामिल हुए। तिरंगा यात्रा चंद्रावती स्मारक हाई स्कूल के मैदान से शुरू हुई, जो पूरे डोमचांच नगर पंचायत क्षेत्र,डोमचांच प्रखंड के कई इलाकों का भ्रमण किया। तिरंगा यात्रा में प्रखंड के विभिन्न स्कूल, जिसमें आईपीएस पब्लिक स्कूल, बिरसा पब्लिक स्कूल,आरटी अनमोल,जीएस पब्लिक स्कूल, संत अरविंद एकेडमी, सन साइन एजुकेशन, ग्रिजली पब्लिक स्कूल, उमा भारती हाई स्कूल, विवेकानंद, लक्ष्य कॉन्वेंट, संत पॉल पब्लिक स्कूल आदि के छात्रों ने भाग लिया। पूरी यात्रा में भारत माता की जय,वंदे मातरम् से पूरा क्षेत्र गुंजायमान रहा। कई लोगों ने तिरंगा यात्रा में शामिल लोगों का स्वागत किया। तिरंगा यात्रा करीब पांच किमी लंबी थी। इस यात्रा में विधायक डॉ नीरा यादव, जिप अध्यक्ष रामधन यादव, प्रमुख सत्यनारायण यादव, भाजपा नेता मयंक कुमार, समाजसेवी रोहित मेहता, भाजपा नेता रमेश सिंह, संजय मेहता, राजेश सिंह, व्यवसायी मंजीत मेहता, कांग्रेस नेता प्रदीप सिंह, अजय कृष्ण बर्णवाल, संगीता सिन्हा, सुधांशु कुमार, चंदन कुमार गुप्ता, राम सुरेश पहलवान, युवा शक्ति एक नईं सोंच के अध्यक्ष मिथिलेश यादव, सचिव सुजीत मेहता, अमरजीत कुमार सोनू कुमार, दीपक सिंह, संगीता सिन्हा, विवेकइंद्र गुरु, रंजना पांडेय, विश्वजीत बनर्जी, किशोर सिंहा, पंकज कुमार, बलराम वर्मा, प्रीति शेखर, मुकेश पांडेय, सुरज कुमार, मिथिलेश मेहता, मोनू सिंह, विक्की कुमार, संजीत कुमार आदि मौजूद थे। बता दें कि नौ अगस्त 1942 को डोमचांच के तीमुहाने पर हजारों की संख्या में लोग जमा हुए थे। अंग्रेजो के खिलाफ लोगों ने बिगुल फूंका था। इसी दौरान तत्कालीन अंग्रेज अधिकारी जी रसल ने आंदोलनकारियों पर लाठियां बरसाई थी। साथ ही गोलियां भी चलाई थी,जिसमें चुरामन मोदी, नुनमन धोबी,उदित नारायण मेहता,मंगल साव घायल हो गए थे। मौके पर ही चुरामन मोदी और नुनमन धोबी शहीद हो गए थे। जबकि बाद में उदित नारायण मेहता,मंगल साव की मौत हो गई थी। इसी दिन ही आंदोलनकारियों ने कलाली और डाक घर को फूंक दिया था। इन शहीदों की याद में हर वर्ष श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाता है। अंत में सभी विद्यालयों को पौधे और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।
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