ट्रैक पार करने के लिए कंधों पर अर्थी लेकर घंटों करना पड़ता है इंतजार
धनबाद-गया रेलखंड पर हीरोडीह रेलवे स्टेशन के पास रेल अंडरपास या ओवर ब्रिज की कमी के कारण ग्रामीणों को शव की अर्थी को पार करने में कठिनाई होती है। ट्रेनें खड़ी रहने से लोगों को इंतजार करना पड़ता है।...
जयनगर। धनबाद-गया रेलखंड के बीच हीरोडीह रेलवे स्टेशन के बगल रेभनाडीह के समीप रेल अंडरपास या ओवर ब्रिज नहीं होने से ग्रामीणों को दाह संस्कार के लिए शव की अर्थी को रेल ट्रैक पार करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। रेल ट्रैक पर ट्रेन खड़ी रहने से आने-जाने में असुविधा होती है। लोग शव के अर्थी को अपने कंधों पर रखकर ट्रेन पार करने का इंतजार में खड़े रहते हैं। ट्रेन पार होने पर हीं लोग शव के अर्थी लेकर रेल ट्रैक पार कर श्मसान घाट जाते हैं। गुरुवार को एक व्यक्ति कि मृत्यु होने पर शव के अर्थी को श्मसान घाट ले जाने के दौरान डाउन लाइन पर एक ट्रेन खड़ी थी। वहीं अपलाइन में एक ट्रेन गुजर रही थी, जिससे कई मिनट तक लोगों ने अर्थी को अपने कंधों पर रखकर ट्रेन गुजरने का इंतजार करते रहे। जानकारी के अनुसार रेभनाडीह रेल ट्रैक के दोनों छोर गांव बसा हुआ है। और श्मसान घाट गांव दक्षिण में रहने से यह समस्या हमेशा बनी रहती है। रेल अंडरपास के लिए ग्रामीणों ने कई बार आंदोलन किया व केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी को मांग पत्र सौंपकर जनहित को देखते हुए रेल अंडरपास निर्माण कराने का मांग किया है। रेल प्रबंधक व केंद्रीय मंत्री के द्वारा ग्रामीणों को आश्वस्त करते हुए रेल अंडरपास का आश्वासन दिया गया है, लेकिन मामला जस-का-तस है।
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