सड़क सुरक्षा नियमों को धरातल पर उतारें, तभी थमेंगे हादसे
सतगावां प्रखंड में सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी और तेज रफ्तार ने दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ा दी है। स्थानीय लोग दुर्घटनाओं के कारणों की पहचान कर रहे हैं, जैसे हेलमेट और सीट बेल्ट का न पहनना, स्पीड...

सतगावां, निज प्रतिनिधि। सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी और तेज रफ्तार की प्रवृत्ति ने सतगावां प्रखंड क्षेत्र में गंभीर चिंता का विषय खड़ा कर दिया है। आए दिन सड़क हादसों में लोग घायल हो रहे हैं, कई लोग अपनी जान गंवा रहे हैं, जबकि अनेक परिवार इलाज और आर्थिक नुकसान से तबाह हो चुके हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता और नियमों का पालन न करने से ये हादसे लगातार बढ़ रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार, प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न सड़कों पर वाहनों का परिचालन बिना किसी नियंत्रण के हो रहा है। चालकों द्वारा हेलमेट, सीट बेल्ट, गति सीमा और यातायात संकेतों की अनदेखी की जा रही है।
कई बार बिना लाइसेंस वाले या नाबालिग भी बाइक और स्कूटी चलाते नजर आते हैं, जिससे दुर्घटना की संभावना और बढ़ जाती है। लोगों का कहना है कि तेज रफ्तार वाहन केवल चालकों के लिए ही नहीं, बल्कि सड़क पर पैदल चलने वालों, बच्चों और बुजुर्गों के लिए भी जानलेवा साबित हो रहे हैं। सड़क हादसों की संख्या में वृद्धि का एक प्रमुख कारण सड़कों पर आवश्यक सुरक्षा इंतजामों की कमी भी है। कई स्थानों पर सड़क किनारे चेतावनी बोर्ड नहीं हैं, वहीं स्कूल, बाजार और भीड़भाड़ वाले इलाकों में स्पीड ब्रेकर का अभाव है। ग्रामीणों ने बताया कि दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में स्पीड ब्रेकर लगाने की कई बार मांग की गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उनका कहना है कि अगर समय रहते इन जगहों पर स्पीड ब्रेकर लगाए जाएं, तो कई जानें बचाई जा सकती हैं। स्थानीय लोग यह भी बताते हैं कि वाहनों में क्षमता से अधिक सवारी बैठाना और भारी वाहनों में ओवरलोडिंग दुर्घटना का बड़ा कारण बन गया है। छोटे वाहनों में चार की जगह छह से आठ लोग बैठा दिए जाते हैं, जिससे संतुलन बिगड़ने पर हादसा हो जाता है। वहीं बड़े ट्रक और पिकअप वैन में जरूरत से अधिक माल लादकर चलाए जा रहे हैं, जो सड़कों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं और दुर्घटना की संभावना को बढ़ा रहे हैं। कई ग्रामीणों ने बताया कि सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन की ओर से जागरूकता अभियान बहुत कम चलाए जाते हैं। न तो स्कूलों में बच्चों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी जाती है और न ही गांवों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होते हैं। परिणामस्वरूप, लोग सड़क सुरक्षा को लेकर लापरवाह बने रहते हैं। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और परिवहन विभाग से मांग की है कि प्रखंड क्षेत्र में सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। दुर्घटना संभावित स्थानों पर स्पीड ब्रेकर लगाए जाएं, मुख्य सड़कों पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं और नाबालिगों को वाहन चलाने से सख्ती से रोका जाए। इसके अलावा, तेज रफ्तार वाहन चालकों पर जुर्माना लगाकर कार्रवाई की जाए ताकि लोग यातायात नियमों के प्रति सचेत हों। सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यदि लोगों में ट्रैफिक नियमों के पालन की आदत डाली जाए और प्रशासन सड़कों पर निगरानी बढ़ाए, तो दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है। सुरक्षा सिर्फ प्रशासन की नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। जब तक चालक और आमजन खुद सतर्क नहीं होंगे, तब तक सड़क हादसों पर पूर्ण विराम लगाना संभव नहीं है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी माना है कि सतगावां प्रखंड में सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस मुद्दे पर पंचायत और प्रखंड स्तर पर बैठक आयोजित कर उपाय किए जाएंगे ताकि सड़कों पर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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