ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News झारखंड कोडरमाछह वर्षों से बनकर तैयार पंचखरो जलाशय से किसानों को नहीं मिल पा रहा लाभ

छह वर्षों से बनकर तैयार पंचखरो जलाशय से किसानों को नहीं मिल पा रहा लाभ

क्षेत्र के किसानों को पटवन सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पंचखेरो जलाशय का लाभ किसानों को नहीं मिल रहा...

छह वर्षों से बनकर तैयार पंचखरो जलाशय से किसानों को नहीं मिल पा रहा लाभ
हिन्दुस्तान टीम,कोडरमाSat, 31 Oct 2020 03:01 AM
ऐप पर पढ़ें

क्षेत्र के किसानों को पटवन सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पंचखेरो जलाशय का लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है। 1984 में एकीकृत बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रशेखर सिंह ने इसका शिलान्यास किया था। पंचखेरो जलाशय का निर्माण कार्य तो 6 वर्ष पूर्व पूरा हो चुका है, लेकिन अभी भी किसानों को पटवन की सुविधा पूर्ण रुप से नहीं मिल पाया है। पंचखेरो जलाशय के नहर का गेट लिक रहने से नहरों में अनावश्यक पानी का बहाव हो रहा है और पानी के रिसाव से लगभग तीन सौ एकड़ खेत में किसान खेती नही कर पा रहें हैं। नहर की अंतिम निकासी को बीचो बीच खेती योग्य भूमि में ले जाकर छोड दिया गया हैं, जिससे नहर के अंतिम छोर पर जितने भी कृषि योग्य खेत हैं। उसमें पानी जमा हो जाता है, जिससे उन भूमि पर खेती नही हो पाता है। नहर के अंतिम छोर से लगभग दो सौ मीटर की दूरी पर एक नाला है, अगर उस नाले में नहर को मिला दिया जाए तो इस समस्या से निजात मिल सकता है। मामले को लेकर ग्रामीणों ने जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता को भी आवेदन देकर नहर की लंबाई को बढ़ा कर छोटी नदी से जोड़ने की मांग की है। दिए आवेदन में ग्रामीणों ने बताया है़ कि पंचखेरो जलाशय के दाएं नहर के आउटलेट गेट के लिक रहने से नहर में सालों भर पानी बहता रहता है़,जिससे नहर के दोनो किनारों से पानी का रिसाव होता रहता है़ पानी के रिसाव से लगभग तीन सौ एकड़ भूमि परित रह जाता है और इस भूमि में खेती नही हो पाती है। पिछले आठ वर्षों से किसान इस दंश को झेल रहें हैं । किसान निर्मल सिंह ,शंभू ,सतीश सिंह, कारू सिंह आदि ने बताया की पहले भी इस समस्या को लेकर विभाग को कई बार आवेदन देकर अवगत कराया गया पर विभाग द्वारा किसानों की बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है,जिससे किसानों को काफी परेशानी होती है।

प्रशासनिक स्वीकृति मिलते हीं काम किया जाएगा: कार्यपालक अभियंता

इस संबंध में पूछे जाने पर जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता जी. किडो ने बताया कि नहर के विस्तार को लेकर प्रशासनिक स्वीकृति के लिए विभाग को लिखा गया है। प्रशासनिक स्वीकृति मिलते ही इस ओर काम किया जाएगा । वहीं आउटलेट गेट के लीकेज की मरम्मती लेकर भी मैकनिकल विंग को विभाग द्वारा लिखा गया है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें