New Year Celebrations in Koderma Tiliya Dam and Religious Sites to Attract Crowds नये साल में तिलैया डैम समेत विभिन्न पिकनिक स्पॉटों पर जुटेंगे सैलानी, धार्मिक स्थलों पर भी रहेगी भीड़, Kodarma Hindi News - Hindustan
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नये साल में तिलैया डैम समेत विभिन्न पिकनिक स्पॉटों पर जुटेंगे सैलानी, धार्मिक स्थलों पर भी रहेगी भीड़

कोडरमा में नए साल की रात जश्न की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। तिलैया डैम सहित विभिन्न पिकनिक स्पॉटों पर हजारों सैलानियों की भीड़ उमड़ेगी। धार्मिक स्थलों पर भी पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की संख्या...

Newswrap हिन्दुस्तान, कोडरमाMon, 30 Dec 2024 11:57 PM
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नये साल में  तिलैया डैम समेत विभिन्न पिकनिक स्पॉटों पर जुटेंगे सैलानी, धार्मिक स्थलों पर भी रहेगी भीड़

कोडरमा हिन्दुस्तान टीम । 31 दिसंबर की रात से नये साल के जश्न में लोग डूब जायेंगे। इसकी तैयारी में जोर-शोर से लोग जुट गये हैं। नये साल एक जनवरी को जिला का प्रमुख पिकनिक स्पॉट तिलैया डैम समेत अन्य पिकनिक स्पॉटों में हजारों की संख्या में सैलानियों की भीड़ उमड़ेगी। वहीं विभिन्न धार्मिक स्थलों व मंदिरों में भी लोगों की भीड़ नये साल की शुरुआत पूजा-अर्चना को लेकर उमड़ेगी। पिकनिक स्पॉटों में सैलानियों के स्वागत को लेकर आकर्षक ढंग से सजाया जा रहा है। जिले का प्रमुख पिकनिक स्पॉट हैं तिलैया डैम

राष्ट्रीय स्तर पर चयनित पर्यटन स्थल के रूप में तिलैया डैम में पर्यटकों की भीड़ नववर्ष के पूर्व से जुटनी शुरू हो गई है। यह जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। जाने के लिए कोडरमा स्टेशन से छोटी-बडी वाहन चलती है, जो एनएच सड़क होते हुए उरवां मोड़ चौक से तिलैया डैम की ओर रास्ता जाती है। यह जिले का प्रमुख पिकनिक स्पॉट हैं, जहां हजारों की संख्या में लोग जुटेंगें। यहां 15 दिसंबर से जनवरी माह तक पर्यटकों की भीड़ यहां लगी रहती है। झारखंड हीं नहीं बिहार, बंगाल के काफी संख्या में पर्यटक यहां तिलैया डैम के मनोरम दृश्य व पिकनिक मनाने के लिए पहुंचते हैं। तिलैया डैम में लोग डबल डेकर बोट, स्पीड वोट का लुत्फ उठाते हैं। इस बार काश्मीर के तर्ज पर यहां भी सिकारा वोट की शुरुआत की गई है, जो इस बार लोगों के आकर्षण का विशेष केंद्र बन रहेगा। पहले नौकाविहार का आनंद सिर्फ पर्यटक तिलैया डैम में ले पाते थे, लेकिन पर्यटकों के भीड़ के कारण इसका क्षेत्र बढ़ गया है और लोगों के लिए यहां सुविधा जवाहर घाटी के तिलैया डैम और झील रेस्टोरेंट के पीछे भी लोग नोकाविहार का आनंद ले रहे हैं। वहीं पिकनिक के लिए भी काफी संख्या में लोग अपने परिवारजनों के साथ यहां पहुंच रहे हैं।

पर्यटन के विकास के लिए करीब 40 करोड़ रुपए होंगे खर्च

तिलैया डैम में पर्यटकों को लुभाने के लिए सरकार स्तर से भी कई योजनाएं लायी जा रही है। डैम के विकास के लिए करीब 40 करोड़ की राशि खर्च की जायेगी। केंद्र सरकार से भी करीब 34 करोड़ रुपए की राशि पर्यटन के विकास के लिए स्वीकृत किया गया है। वहीं झील रेस्टोरेंट के पास एडवेंचर पार्क का निर्माण करीब 2 करोड़ 40 लाख की लागत से पर्यटन विभाग किया गया है, जहां बच्चों के मनोरंजन के लिए पार्क का निर्माण, झूला, स्लीपिंग गेम समेत अन्य मनोरंजन के सामान लगाये हैं, जबकि वहां शौचालय, पार्किंग एरिया भी आम लोग के लिए उपलब्ध होंगे। वहीं आकर्षक गेट भी लोगों के आकर्षण का केंद्र होगा। जबकि दूसरे चरण में साढे चार करोड़ की लागत से कैफेटेरिया, चेंचिंग रुम, अत्याधुनिक वोट समेत मनोरंजन के कई साधन लगाये जायेंगे।

ध्वजाधाम जिले का है प्रमुख आस्था का केंद्र

नववर्ष पर ध्वजाधारीधाम कोडरमा में काफी संख्या में लोग पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं। जिला मुख्यालय से करीब एक किलोमीटर व झुमरी तिलैया शहर से करीब 8 किलोमीटर दूर स्थित ध्वजाधारी धाम जिले का मुख्य आस्था का केंद्र है, जहां आम दिनों भी लोग पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं। इसे जिले में पर्यटन स्थल के रूप में भी चिन्ह्त किया गया है। श्रद्धालु समेत आम लोग यहां करीब 500 से ज्यादा सीढ़ी चढ़ पहाड़ स्थित मंदिर में भगवान के दर्शन करते हैं। नववर्ष की सुबह काफी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं। पुलिस प्रशासन द्वारा भी इस स्थल में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जरूरी कदम उठाये गये हैं और पुलिस पदाधिकारी व जवानों की प्रतिनियुक्ति की गई है।

वृंदाहा जलप्रपात:

जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर और झुमरी तिलैया शहर से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित वृंदाहा जलप्रपात प्रकृति की गोद में बसा है। जंगल के बीच स्थित यह जलप्रपात लोगों के आकर्षण का केंद्र बना है। हालांकि जंगली क्षेत्र में होने और घुमावदार सड़क के कारण परिवार समेत कम लोग यहां पहुंचते हैं, लेकिन युवा यहां अक्सर नहाने व पिकनिक मनाने के लिए पहुंचते हैं। नववर्ष के पहले व नववर्ष पर भी यहां झारखंड के विभिन्न जिलों व बिहार से कई क्षेत्र से यहां लोग पहुंचते हैं। प्रशासन द्वारा सुरक्षा को लेकर भी यहां पुलिस प्रतिनियुक्ति की गई है। यहां का आकर्षक झरना लोगों को अपनी ओर खींचता रहा है।

मरकच्चो का पंचखेरो जलाशय में भी जुटती है लोगों की काफी भीड़

मरकच्चो प्रखंड मुख्यालय स्थित पंचखेरो जलाशय क्षेत्र का प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट है। नये साल में यहां पिकनिक मनाने वालों की काफी भीड़ उमड़ती है। डैम किनारे के जंगल और उसके मनोरम दृश्य लोगों को काफी लुभाते है।यह मरकच्चो ब्लॉक चौक से एक किलोमीटर की दूरी पर है। मरकच्चो ब्लॉक चौक से यहाँ पैदल भी जाया जा सकता है व बाइक व चारपहिया वाहन से भी वहां जाया जा सकता है।

मां चंचालिनी धाम

माँ चंचालिनी धाम प्रखंड के सुदूरवर्ती पंचायत डगरनवा में स्थित है। यहां सालों भर श्रद्धांलूओ का आना लगा रहता है नए साल में यहां हजारों लोग पंहुच पूजा अर्चना कर नए साल की शुरुवात करते हैं। यहां जाने के लिए कोडरमा गिरिडीह मुख्य मार्ग के कानीकेंद जंगल से छह किलोमीटर की दूरी को तय करना पड़ता है। यहां बाईक, ऑटो या अपने निजी वाहनो से जाया जा सकता है

कर्माधाम

करमा धाम प्रखंड का प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह बेरहवा जंगल के बीचो बीच मे स्थित है। यहाँ भी सालों भर श्रद्धांलूओ और सैलानियों का आना लगा रहता है। जंगल के बीचो बीच यहाँ की खूबसूरती लोगों को आकर्षित करती है। नये साल मे यहाँ भी लोग पंहुच पूजा अर्चना कर नये साल की शुरुवात करते हैँ। यहां जाने के लिए मरकच्चो बंधन से यहाँ की दूरी लगभग पांच किलोमीटर है यहाँ भी दोपहिया वाहन या निजी चार चक्का वाहन से जाया जा सकता है।

सतगावां में देवघर के नाम से जाना जाता है घोड़सिमर धाम

सतगावां प्रखंड के कटैया पंचायत ग्राम दुमदुमा में अवस्थित घोड़मश्वर नाथ शिव मंदिर जिसे ग्रामीण क्षेत्र में नववर्ष पर पूजा अर्चना बाबा भोले नाथ के दर्शन के लिए दूर दूर से सैलानी पहुचते है। घोड़सिमर दूसरा देवघर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर का भूमि 12 एकड़ में फैला हुआ है। किसान को खेत में काम करने के दौरान कई प्रकार की बेशकीमती मूर्तियां निकल जाते है जो हाल ही में भगवान भोलेनाथ का एक मूर्ति उसका प्रमाण है। यह मंदिर जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर सकरी नदी किनारे बसा है ।

सात कुंडो का परिदृश्य है पेट्रो जल प्रपात

सतगावां प्रखंड स्थित पेट्रो जलप्रपात सैलानियों को बर्बस अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। महावर पहाड़ से कल कल करती निर्मल जल पहाड़ के कंधराओं से टकराकर एक गजब का ध्वनि उत्पन्न करती है। प्राकृतिक की गोद में बस यह प्रताप सैलानियों के लिए एक मनोरम स्थल है, जहां सालों भर लोग दूर-दूर से पिकनिक मनाने आते हैं । बिहार झारखंड बंगाल के कई क्षेत्रों से लोग गर्मियों के दिनों में ठंडे जल का लुफ्त उठाने पहुंचते हैं। पेट्रो जलप्रपात में सात कुंड है जहां सातों कुंडो पर तालाब जैसा गद्दा सैलानियों के स्नान के लिए बना हुआ है। जलप्रपात का सातों कुंड प्रथम कुंड में 15 फीट पानी रहता है जो की सावधानी पूर्वक स्नान करने की आवश्यकता है। पेट्रो जलप्रपात जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर व प्रखंड मुख्यालय से 10 किलोमीटर पर स्थित है, जहां पहुंचने के लिए गया टू देवघर मुख्य मार्ग बासोडीह बस स्टैंड से राउतडीह होते हुए व कोडरमा से आते हुते टेहरो ग्राम बदाल होते हुए सुगमता पूर्वक पक्की सड़क का निर्माण किया हुआ है।

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