सभी प्रखंडों के चिकित्सा पदाधिकारी का दो दिनी कुष्ठ रोग संबंधी प्रशिक्षण शुरू
चिकित्सा पदाधिकारी अच्छे से लें प्रशिक्षण, ताकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कुष्ठ मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके: डॉ अनिलसभी प्रखंडों के चिकित्सा पदा
कोडरमा, संवाददाता । राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत सभी प्रखंडों के चिकित्सा पदाधिकारी का दो दिनी कुष्ठ रोग संबंधी प्रशिक्षण सिविल सर्जन कार्यालय सभागार में शुरू हो गया। उदघाटन सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार और जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया। सिविल सर्जन डॉ कुमार ने कहा कि सभी चिकित्सा पदाधिकारी अच्छे से प्रशिक्षण लें, ताकि सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कुष्ठ मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके। साथ ही सभी चिकित्सा पदाधिकारी प्रशिक्षण प्राप्त कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एएनएम समेत अन्य चिकित्सा कर्मी को कुष्ठ के बेहतर प्रबंधन के बारे में बताएं। बतौर प्रशिक्षक राज्य से आए आईएलइपी राज्य समन्वयक डॉ सिद्धार्थ बिस्वाल ने प्रखंडों में पदस्थापित चिकित्सा पदाधिकारियों को कुष्ठ रोग के पहचान और इलाज के साथ कुष्ठ रोग से होने वाले विकलांगता की रोकथाम, रिएक्शन मैनेजमेंट, एमडीटी, रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी,सिंगल डोज रिफैमपिसिन और कुष्ठ रोग के बारे में जानकारी दी। इस दौरान बताया कि इसकी पहचान त्वचा पर लाल गहरी या हल्के दाग उभरना, दाग वाले हिस्से में सूनापन, त्वचा के प्रभावित हिस्से से बाल झड़ना ,हाथ उंगली या पैर के उंगलियों का सुन्न होना,हाथ,पैर में बिना दर्द के घाव होना, हाथ,पैर पर की उंगलियों का टेढ़ा हो जाना, चमकदार या तैलीय त्वचा,त्वचा पर गांठे,आंख बंद करने में असमर्थता,आंख के भौहें का खत्म हो जाना,नाक का हड्डी बैठ जाना,नाक का विकृति हो जाना,तंत्रिका में मोटापन,कोहनी, घुटने, टखने के आसपास के क्षेत्र में झुनझुनी,ठंड या गर्म वस्तुओं को महसूस करने में असमर्थता,हथेली या पैर में सूनापन,हाथ पैर में बिना दर्द के घाव,चलते समय पैर घसीटना आदि शामिल है। डॉ बिस्वाल ने बताया कि कुष्ठ रोग तंत्रिका तंत्र की बीमारी है, जिसके कारण त्वचा प्रभावित होती है। इसलिए कुष्ठ रोग के प्रबंधन में तंत्रिका तंत्र के जांच को नजरअंदाज नहीं करें। कुछ कुष्ठ मरीजों की जांच चिकित्सा पदाधिकारियों ने की, ताकि कुष्ठ के लक्षणों को बेहतर तरीके से जान सकें। प्रशिक्षण में डॉ किशोर राम बेदिया, डॉ भारती सिन्हा, डॉ मणिकांत गुप्ता, डॉ मयूरी सिन्हा, डॉ आकांक्षा सिन्हा, डॉ चंदन कुमार सिंह,फिजियोथैरेपिस्ट राजीव रंजन आदि मौजूद थे।
पूरे जिले में कुष्ठ रोगी खोज अभियान 28 अगस्त से 13 सितंबर तक
कुष्ठ विभाग के फिजियोथैरेपिस्ट राजीव रंजन ने बताया कि 28 अगस्त से 13 सितंबर तक पूरे जिले में कुष्ठ रोगी खोज अभियान चलाया जाएगा। इसमें सहिया,एक पुरुष कार्यकर्ता का दल घर-घर जाकर सघन कुष्ठ रोगी खोज अभियान चलाया जाएगा।
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