छह लोगों की हत्या करने के दोषी को सुनाई गई थी फांसी
कोडरमा सिविल कोर्ट ने इस वर्ष कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए हैं। इनमें छह लोगों की हत्या के लिए एक आरोपी को फांसी की सजा और नाबालिग की हत्या के लिए एक अन्य को आजीवन कारावास की सजा शामिल है। न्यायालय ने कई...

कोडरमा, संवाददाता। सिविल कोर्ट कोडरमा के विभिन्न न्यायालयों द्वारा इस वर्ष जस्टिस के लिए सुनाए गए फैसले कई महीने यादगार रहेगा। न्यायालय के सुनाए गए निर्णयों की वजह से लोगों का न्यायालयों पर विश्वास और बढ़ेगा। जहां न्यायालय ने इस वर्ष कई आरोपियों को जमानत की सुविधा दी, तो कई निर्दोष को मामले से मुक्त भी किया। जबकि दर्जनों दोष सिद्ध हुए आरोपियों को आजीवन कारावास और छह लोगों की हत्या करने के दोषी को फांसी की सजा भी सुनाई गई। प्रमुख मामले
कोडरमा कोर्ट ने अपने ही परिवार के छह लोगों की हत्या किए जाने के मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी गांगो दास, पिता- स्व छोटन दास, मसमोहना, नवलशाही, जिला कोडरमा निवासी को दोषी पाते हुए फांसी की सजा सुनाई, साथ ही 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। नाबालिग की हत्या मामले में आरोपी सुरेश नाथ गोस्वामी, मरकच्चो, कोडरमा निवासी को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही ₹10 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया। काग्रेस नेता शंकर यादव हत्याकांड के चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी, 50 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया। मामले में आरोपी मुनेश यादव, पिता- नाथो यादव, ग्राम भट्ट बीघा, चौपारण, जिला- हजारीबाग, रामदेव यादव, नरेश यादव, पवन यादव को सजा सुनायी गई। जिला उद्यान विभाग में डीप सिंचाई योजना के तहत कार्य कराने वाले रमेश सिंह, वाराणसी निवासी को फिरौती के लिए अगवा कर हत्या मामले में आरोपी पंकज कुमार सिंह, पिता- कृष्ण देव सिंह, 43 वर्ष, रजौली, नवादा निवासी को दोषी पाते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी। साथ ही₹30 हजार रू जुर्माना लगाया गया। इसी तरह स्पेशल पोक्सो 22 /2022 मामले में दोषी फरमान खा, पिता-स्व अजीज खान, खेसकरी, जयनगर को, नाबालिग को बहला- फुसलाकर ले जाने और दुष्कर्म को 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा मिली।
जजों के लिए स्वीकृत सभी पदों पर कार्यरत हैं जज
सिविल कोर्ट कोडरमा के लिए स्वीकृत सभी पदों पर जज कार्यरत है। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बालकृष्ण तिवारी,अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम गुलाम हैदर,अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय संजय कुमार चौधरी,अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय राकेश चंद्रा, सीजेएम अमित कुमार वैशय,एसीजेएम मनोरंजन कुमार,सिविल जज सीनियर डिवीजन प्रज्ञा बाजपेयी, सेक्रेटरी डीएलएसए गौतम कुमार,सडीजेएम कंचन टोपो, सिविल जज जूनियर डिवीजन मुंसिफ मिथिलेश कुमार,जेएम फर्स्ट क्लास सह जज इंचार्ज शिवांगी प्रिया, जेएम फर्स्ट क्लास ज्योत्सना पांडेय,जेएम फर्स्ट क्लास नमिता मिंज कार्यरत हैं। सिर्फ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ का ट्रांसफर हो जाने के कारण पद खाली है। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बालकृष्णन तिवारी सरल, सौम्य,व्यक्तित्व के धनी, लेकिन न्याय के प्रति गंभीर है। उनके मार्गदर्शन में सिविल कोर्ट में कार्यरत विभिन्न न्यायालयों के जजों द्वारा न्यायालय में आने वाले लोगों को उचित न्याय देने में अहम भूमिका निभाई जा रही है। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री तिवारी हर किसी मामले में न्याय की कसौटी पर खरा उतरते हैं। इनके मार्गदर्शन में लोक अदालत,राष्ट्रीय लोक अदालत के जरिए हजारों मामलों का निपटारा लगातार किया जा रहा है। उनका मानना है कि लोग अदालत शीघ्र, संस्था और सुलभ न्याय का सशक्त माध्यम है। इसमें दोनों पक्षों की जीत होती है। इसमें लोगों के पैसे और समय की बचत होती है। न्यायालय पर मुकदमों का बोझ भी काम होता है। श्री तिवारी के मार्गदर्शन में लीगल एड डिफेंस काउंसिल के अधिवक्ताओं द्वारा भी गरीब,असहाय लोगों को न्याय दिए जाने का कार्य बखूबी है। डीएलएसझए के जरिए विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर विभिन्न कानूनों और उनके अधिकारों के प्रति लोगों को जागरुक भी किया जा रहा है।
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