Jain Community Celebrates Birth and Enlightenment of Tirthankaras with Joy and Devotion जैन धर्म के आठवें तीर्थंकर श्री चंदप्रभु व 23वें तीर्थंकर श्रीपार्श्व नाथ भगवान का मना जन्म व तप कल्याणक महोत्सव, Kodarma Hindi News - Hindustan
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जैन धर्म के आठवें तीर्थंकर श्री चंदप्रभु व 23वें तीर्थंकर श्रीपार्श्व नाथ भगवान का मना जन्म व तप कल्याणक महोत्सव

झुमरी तिलैया में श्री दिगंबर जैन समाज ने 1008 चंदप्रभु भगवान और 1008 पारसनाथ भगवान का जन्म और तप कल्याणक उत्सव मनाया। इस अवसर पर अभिषेक, शांतिधारा, संगीतमय पूजन और आरती का आयोजन हुआ। आर्यिका 105 विनय...

Newswrap हिन्दुस्तान, कोडरमाThu, 26 Dec 2024 11:54 PM
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जैन धर्म के आठवें तीर्थंकर श्री चंदप्रभु व 23वें तीर्थंकर श्रीपार्श्व नाथ भगवान का मना जन्म व तप कल्याणक महोत्सव

झुमरी तिलैया निज प्रतिनिधि श्री दिगंबर जैन समाज के द्वारा पूज्य आर्यिका 105 विभाश्री माता जी के मंगल सानिध्य में जैन धर्म के आठवें तीर्थकर देवाधिदेव 1008 चंदाप्रभु भगवान और 23 वें तीर्थंकर 1008 श्री पारसनाथ भगवान का जन्म व तप कल्याणक भक्ति भाव व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। आज प्रातः दोनों मंदिरों में 1008 श्री चंदप्रभु भगवान और 1008 श्री पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा पर प्रथम अभिषेक के साथ सैकड़ों लोगों द्वारा अभिषेक किया गया के बाद मूलनायक 1008 श्री पारसनाथ भगवान की प्रतिमा पर सहस्त्र नाम का जाप के साथ शांतिधारा आर्यिका 105विनय श्री माता जी के मुखारबिंद से हुआ। इसका सौभाग्य समाज के गिरनार यात्रा में जाने वाले भक्तों और बाहर पाण्डुकशीला पर 1008 श्री चंदप्रभु भगवान की प्रतिमा पर समाज के अजित राजेश गंगवाल,राकेश आदित्य छाबड़ा,सुशील,ईशान काशलिवाल के परिवार को शांतिधारा का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इसके बाद सुबोध गंगवाल के नेतृत्व में संगीतमय पूजन,कल्याण मंदिर विधान के साथ जन्म कल्याण पर प्रभु के चरणों मे श्री फल और अर्घ समर्पण किया गया। इस अवसर पर समाज के आर्यिका 105 विनय श्री माता जी ने बताया कि दोनों भगवान का जन्म वाराणसी के कासी नगरी में आज से हजारों वर्ष पूर्व हुवा था, तब से पूरे विश्व मे जन्म कल्याणक महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। जैन तीर्थंकर का ही कल्याणक मनाया जाता है, बाकी सभी का जन्म जयंती मनाया जाता है, क्यो की जैन तीर्थंकर का पुनः जन्म नहीं होता है। तीर्थंकर जन्म मरण को जीत कर वो योग निरोध कर निर्वाण को प्राप्त कर लिए है, इस लिए भगवान का कल्याणक मनाते है। दिन में समाज के लोगो द्वारा मंदिर में जैन ध्वज स्थानीय पंडित अभिषेक शास्त्री द्वारा मंत्रोच्चार के साथ जैन ध्वज समाज के लोगो द्वारा दोनों मंदिर में लगाया गया। संध्या में भव्य आरती के साथ कल्याण मंदिर स्त्रोत काव्य के द्वारा 44 दीपकों को प्रभु चरणों मे समर्पित किया गया। इसके बाद आर्यिका संघ के द्वारा 1008 चंदप्रभु ओर 1008 पारसनाथ भगवान के जीवन पर प्रकाश डाला और उनके त्याग और तपस्या के बारे में बताया। साथ ही प्रश्न मंच का कार्यक्रम हुआ। सभी कार्यक्रम में समाज के सभी वर्गों ने हिस्सा लिया। सभी कार्यक्रम स्थानीय पंडित अभिषेक शास्त्री के निर्देशन में हुवा इस अवसर पर विशेष रूप से समाज के सभी पदाधिकारी गण ओर समाज के सभी लोगों ने हिस्सा लिया। उक्त जानकारी कोडरमा मीडिया प्रभार राज कुमार अजमेरा,नवीन जैन ने दी।

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