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बच्चों की प्रतिभा निखारने के लिए आजादी जरूरी: डीएन आनंद, कोविड-19 संकटकाल में बच्चों की देखभाल की चुनौतियां व समाधान विषय पर परिचर्चा का आयोजन

जेजे कॉलेज झुमरी तिलैया के बीएड संभाग के तत्वाधान में 20 सितंबर को कोविड-19 संकटकाल में बच्चों की देखभाल की चुनौतियां और समाधान विषयक वेबीनार का आयोजन किया गया। बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय...

बच्चों की प्रतिभा निखारने के लिए आजादी जरूरी: डीएन आनंद,
कोविड-19 संकटकाल में बच्चों की देखभाल की चुनौतियां व समाधान विषय पर परिचर्चा का आयोजन
हिन्दुस्तान टीम,कोडरमाMon, 21 Sep 2020 03:13 AM
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जेजे कॉलेज झुमरी तिलैया के बीएड संभाग के तत्वाधान में 20 सितंबर को कोविड-19 संकटकाल में बच्चों की देखभाल की चुनौतियां और समाधान विषयक वेबीनार का आयोजन किया गया। बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के राज्य समन्वयक सह साइंस कोर सोसायटी के महासचिव डीएनएस आनंद के अलावा जेजे कॉलेज के प्रोफेसर इंचार्ज पवन कुमार सिंह अध्यक्षीय भाषण और विषय प्रवेश जेजे कॉलेज बीएड संभाग के डॉ.अशोक अभिषेक ने कराया। मुख्य अतिथि डीएनएस आनंद ने कहा कि बच्चों को आजादी मिलनी चाहिए। क्योंकि संभवतः अभिभावक बच्चों को हर कार्य में रोक- टोक करते हैं। इससे बच्चों में नकारात्मक भावना उत्पन्न होती है। कोरोना की उत्पन्न चुनौतियां अभिभावक बच्चों की देखभाल की शिक्षा प्रदान की समस्या पर उन्होंने आगे कहा कि संकट काल में परिस्थिति ऑनलाइन की उपयोगिता महसूस की जा रही है। आने वाले दिन में यह शिक्षा का एक अंग के रूप में उतरेगा। लॉक डाउन की अवधि में बच्चो की रचनात्मक क्षमता पूरी तरह से प्रभावित हुई है। उनके गैर शैक्षणिक गतिविधि जैसे खेलकूद,संगीत,चित्रकला और अन्य गतिविधियों में शामिल होने का मौका नहीं मिला। इससे शारीरिक,मानसिक और बौद्धिक विकास प्रभावित हो रहा है। साथ ही लंबे समय से घरों में रहने से बच्चों के अंदर की छिपी प्रतिभा कुंठित हो रही है। उन्होंने बीएड के छात्रों से अपील की वे अपने आसपास के लोगों को सही जानकारी प्रदान कर इस संकट से उबारने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि दिल्ली और कर्नाटक हाइ कोर्ट का ऑनलाइन पठन-पाठन जारी रखने का निर्देश काफी बेहतर है। बीएड प्रशिक्षु श्रवण कुमार,आलोक कुमार,शशिकांत,आनंद कुमार,पिंकू कुमार द्वारा पूछे गए महत्वपूर्ण प्रश्न का विस्तारपूर्वक उत्तर दिया गया। अध्यक्षीय भाषण प्रस्तुत करते हुए प्रोफेसर इंचार्ज पवन कुमार सिंह ने कहा कि हमारी बृहद परंपरा रही है,जिसके बल पर मानव जगत अनेकों समस्याओं से उभरते रहे हैं। समस्या की चुनौती को स्वीकार करना हमारे रग-रग में समाहित है। उन्होंने उम्मीद जताया कि जल्द ही सम्मिलित प्रयास से इस संकट से निजात पा लेंगे। विषय प्रवेश और स्वागत भाषण देते हुए डॉ.अशोक अभिषेक ने आयोजन के उद्देश्य बताते हुए कहा की कोरोना संकट में बच्चों को शिक्षा एवं अन्य विविध शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक गतिविधियों में कैसे संलग्न करें। इसकी जानकारी के अभाव से अभिभावकों के समक्ष अनेक समस्या उत्पन्न हो रही है। इसके विपरीत असर से बच्चे अवसाद से ग्रसित हो रहे हैं। अध्ययन में अरुचि होना,नकारात्मकता का विकास,भावी भविष्य के प्रति ससंकित होना और निराशा की भावना बच्चों में तीव्र गति से बढ़ रही है। ऐसे में शिक्षा जगत से होने के कारण अपना नैतिक दायित्व और जिम्मेदारी को समझते हुए समाज को इस कठिन परिस्थिति से उबारने के उद्देश्य से एक छोटा सा प्रयास किया गया है। शुभारंभ सरस्वती वंदना के साथ हुआ। इसे छात्रा मीना कुमारी ने प्रस्तुत किया। समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ,जिसे छात्रा निशा कुमारी,मीना कुमारी,दीपिका कुमारी ने प्रस्तुत किया। वेबीनार को सफल बनाने में तकनीकी सहयोग बीएड के प्रशिक्षु आयुष कुमार,शशिकांत कुमार,श्रवण कुमार,गौरव कुमार,सुनील कुमार,मो.इकबाल ने अलग-अलग भूमिकाएं निभायी। वेबिनार में 90 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में बीएड की प्रो.रिमझिम रुखरियार,प्रो.जेन एलिस मिंज उपस्थित थे।

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